द फॉलोअप टीम, रांची:
बुधवार को झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन था। इस दिन कोर्ट फीस (झारखंड संसोधन विधेयक)-2021 सदन में पास हुआ। संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने बिल सदन में पेश किया था। गौरतलब है कि माले विधायक विनोद सिंह ने विधेयक को प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग की थी। उन्होने कहा कि जल्दीबाजी में विधेयक बनते हैं। 3 साल तक उसकी नियमावली ही नहीं बनती। विधायक विनोद सिंह ने कहा कि बीते 5 साल में कई विधेयक पेश हुये।
विधेयक बने लेकिन नियमावली नहीं बनी
उन्होंने कहा कि बीते पांच साल में कई विधेयक पेश हुए लेकिन अब तक उनकी नियमावली नहीं बनी। इस पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड बनने के बाद अब तक एक बार भी कोर्ट फीस में इजाफा नहीं हुआ है, इसलिए इस विधेयक को स्वीकृत किया जाये।
वित्त मंत्री ने कौन सा खास विधेयक पेश किया
बुधवार को शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में झारखंड विद्युत शुल्क (संसोधन) विधेयक-2021 भी पास हो गया। वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने विधेयक को सदन में पेश किया। भारतीय जनता पार्टी के विधायक नवीन जायसवाल और अनंत ओझा ने विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने की मांग की। कहा कि समिति इस पर 30 दिनों में अपना प्रतिवेदन दे। राजमहल से बीजेपी विधायक अनंत ओझा ने कहा कि विधेयक में केवल उद्योगों को शामिल किया गया है। आम उपभोक्ताओं को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए।
बीजेपी विधायकों ने किस बात पर जताई आपत्ति
बीजेपी विधायकों की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि औद्योगिक ईकाइयां जनरेटर से भी बिजली का उत्पादन करती हैं। उन पर 2 तरह का टैक्स लगाया जाता है। एक टैक्स से डीजल और दूसरा बिजली पर लगता है। ऐसे में उनको एक टैक्स से मुक्ति दिलाने की कोशिश के तहत ये विधेयक लाया गया है।