रांची
मतदान के पूर्व ही बाबूलाल मरांडी ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। हताशा में अधिकारियों पर अनाप-शनाप आरोप लगाये जा रहे हैं, जनता के मिजाज को भांपकर अपने होने वाले संभावित हार के लिए उन्होंने बहाना ढूंढ लिया है। बौखलाहट में मरांडी अधिकारियों को सरेआम धमकी दे रहे हैं, चुनाव के पश्चात अधिकारियों से बदला लेने और कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं। ये आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा कि" बोये पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय"। बाबूलाल ने अपने क्षेत्र और राज्य की जनता को हमेशा से धोखा देने का काम किया है अब जनता उनसे दूर हो चुकी है। यही वजह है कि अपना राजनीतिक वजूद खतरे में देखकर अधिकारियों के बहाने चुनाव के एक दिन पहले अपने लिए सहानुभूति बटोरना चाहते हैं।
कहा कि कल का मतदान झारखंड का भविष्य तय करेगा। संथाल परगना को बांटने की साजिश करने वाली भाजपा पूरे संथालपरगना सहित उत्तरी छोटानागपुर में भी झारखंड की राजनीति से नेपथ्य में चली जाएगी।
उन्होंने मतदाताओं को सावधान करते हुए कहा कि भाजपा आरएसएस का झोला गैंग पूरी तरह सक्रिय हो चुका है। ये हर गली, चौराहे, शहर, गांव में लोगों के दिमाग में जहर भरने का काम करेगा। ऐसे तत्वों की पहचान करनी होगी। भाजपा लोगों की भावनाओं से खेलने का प्रयास करती है। उनकी धार्मिक पहचान खोने के डर को आधार बनाकर वोट लेने का प्रयास करती है। भाजपा सीधे-सीधे मुद्दों पर चुनाव लड़ने की जगह हथियार के रूप में घातक धार्मिक के एजेंडो का वार करती है।
उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में जिन क्षेत्रों में मतदान है वहां के मतदाताओं ने धार्मिक ध्रुवीकरण के लिए भाजपा के द्वारा फैलाये जा रहे उन्माद को पहचान लिया है। उसके एजेंडे से दूरी बना ली है। दूसरे चरण में होने वाले 38 सीटों के चुनाव के लिए झारखंड की जनता ने राज्य और समाज के लिए विकासवादी सोच को अपनाने का फैसला किया है।