द फॉलोअप टीम, रांची:
कोरोना काल में कई बच्चे अनाथ हो गए। कई परिवार वैसे हैं जहां माता-पिता दोनों की मौत हो गई और बच्चे दुनिया में अकेले रह गए। कहीं-कहीं तो परिवार के बाकी सदस्य हैं लेकिन किसी-किसी जगह कोई भी नहीं बचा जो उन बच्चों का सहारा बन सके। वो रोयें तो उनको चुप करा सके। भूख लगी हो तो पुचकार कर खाना खिलाए। ऐसी गोद नहीं बची जहां बच्चा नींद की आगोश में जाए तो आसरा ले सके। ना सिर पर पिता का साया बचा है और ना ही मां का आंचल।
क्या बाल अधिकार संरक्षण आयोग की रिपोर्ट सही है!
ये सच है कि कोरोना काल में बच्चों ने अपने माता पिता को खोया। सीधे शब्दों में कहें तो बच्चे अनाथ हो गए लेकिन इनकी संख्या कितनी है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली संस्था राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आय़ोग ने सात जून 2021 को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 1 अप्रैल 2020 से 5 जून 2021 केबीच 15 महीने में कुल 3 हजार 621 बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया। 26 हजार 176 बच्चे वैसे हैं जिन्होंने माता या पिता में से किसी एक को खोया।
मशहूर हेल्थ जर्नल द लैसेंट की ताजा रिपोर्ट क्या कहती है
274 बच्चे वैसे भी हैं जिनको उनके अभिभावकों ने छोड़ दिया। कुल मिलाकर 30 हजार 71 ऐसे बच्चों को पंजीकृत किया गया है जो कोरोना महामारी की वजह से संकट में हैं। इनमें 15 हजार 620 लड़के और 14 हजार 447 लड़कियां हैं। 4 बच्चे ट्रांसजेंडर्स भी हैं। पर, क्या ये आंकड़ा वाकई सही है। क्या कोरोना काल में इतने ही बच्चों का जीवन प्रभावित हुआ है। क्या ये आंकड़ा इस मौजूदा आंकड़े से कहीं ज्यादा भी हो सकता है। सवाल इसलिए क्योंकि मशहूर हेल्थ जर्नल द लैसेंट की रिपोर्ट तो कुछ और ही कहती है। उसका आंकड़ा वाकई चिंताजनक है।
दो संस्थानों की स्टडी में सामने आया चौंकाने वाला आंकड़ा
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की स्टडी के मुताबिक अनाथ होने वाले बच्चों का सही आंकड़ा बाल संरक्षण अधिकार आयोग द्वारा पेश किए गए आंकड़े से बिलकुल अलग है। इनकी रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी के शुरुआती 14 महीने में यानी 1 मार्च 2020 से 30 अप्रैल 2021 तक भारत के 1 लाख 19 हजार बच्चों ने अपने माता-पिता या उन अभिभावकों को खो दिया, जो उनकी देखभाल करते थे। विश्व के 21 देशों में क गई स्टडी में ये आंकड़ा 15 लाख तक जाता है। इन दोनों संस्थाओं की रिपोर्ट मशहूर हेल्थ जर्नल द लैसेंट में प्रकाशित हुई है।
दुनियाभर में 15 लाख 62 हजार से ज्यादा बच्चे अनाथ हो गए
अध्ययन में दावा किया गया है कि कोरोना काल में भारत में 25 हजार 500 बच्चों ने मां जबकि 90 हजार 751 बच्चों ने पिता को खो दिया। 12 बच्चे वैसे हैं जिन्होंने माता-पिता दोनों को खोया। 2 हजार 898 भारतीय बच्चों ने दादा-दादी या नाना-नानी को खो दिया। दुनियाभर में 11 लाख 34 हजार बच्चे वैसे हैं जिन्होंने माता-पिता या संरक्षक दादा-दादी या नाना-नानी को खो दिया। 10 लाख 42 हजार बच्चे वैसे हैं जिन्होंने मां, पिता या फिर दोनों को खो दिया है। कुल मिलाकर 15 लाख 62 हजार बच्चों ने माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी या संरक्षण कर रहे रिश्तेदारों को खो दिया है। जिन देशों में सबसे अधिक बच्चों ने अपने अभिभावकों को खोया है उनमें दक्षिण अफ्रीका, पेरू, अमेरिका, भारत, ब्राजील और मेक्सिको शामिल है।