logo

मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार! झारखंड की अन्नपूर्णा देवी सहित 28 सांसद बने राज्यमंत्री, ये रही पूरी लिस्ट

10566news.jpg
द फॉलोअप टीम, दिल्ली: 

कई दिनों की गहमागहमी के बाद आखिरकार सात जुलाई बुधवार को मोदी कैबिनेट का विस्तार किया गया। नई कैबिनेट में 15 सांसदो को कैबिनेट मंत्री जबकि 28 सांसदों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। कोडरमा लोकसभा सीट से पहली बार जीतकर संसद पहुंची अन्नपूर्णा देवी को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। कौन-कौन लोग राज्यमंत्री बनाए गए हैं। उनकी राजनैतिक पृष्ठभूमि क्या है। वे किस क्षेत्र से आते हैं, इस खबर में जानेंगे। 

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में 28 राज्यमंत्री बनाए गए हैं। इसमें शिक्षा, अनुभव, पृष्ठभूमि का पूरा खयाल रखा गया है।...

पंकज चौधरी- यूपी के महाराजगंज के लोकसभा सांसद हैं। साल 1991 में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था। पांच बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं। कुर्मी समाज से आते हैं। यूपी के कुर्मी समाज में अच्छी-खासी पकड़ है। साल 2022 में होने जा रहे यूपी विधानसभा चुनाव में कुर्मी समाज के वोटों पर अच्छा-खासा असर डालेंगे ऐसी उम्मीद है। 

अनुप्रिया पटेल- यूपी में बीजेपी के घटक दल अपना दल की सांसद हैं। यूपी के मिर्जापुर लोकसभा सीट से दूसरी बार लोकसभा पहुंची हैं। कद्दावार नेता सोनेलाल पटेल की बेटी हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में राज्यमंत्री रह चुकी हैं। दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में भी राज्यमंत्री का पद दिया जा रहा था लेकिन इंकार किया। कुर्मी समुदाय की बड़ी नेता हैं। युपी चुनाव में मिर्जापुर में अच्छा खासा प्रभाव डालेंगी। इस बार मौका मिला है। 

सत्यपाल सिंह बघेल- कानून की डिग्री ली है। पीएचडी हैं। इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया है। मिलिट्री साइंस से भी पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। आगरा लोकसभा सीट से सांसद हैं। पांच बार से सांसद हैं। 

राजीव चंद्रशेखर- कर्नाटक से तीसरी बार राज्यसभा सांसद हैं। पेशे से बिजनेसमैन हैं। हॉवर्ड यूनिवर्सिटी से मैनेजमैंट में डिग्री ली है। कई संसदीय समितियों में काम किया है। अच्छी शिक्षा और संसदीय समितियों में काम करने का अनुभव सरकार के काम आय़ेगा। 

शोभा करंदलाजे- कर्नाटक से आती हैं। 1 बार विधायक और एक बार एमएलसी रह चुकी हैं। सोशियोलॉजी से एमए किया है। येदियुरप्पा सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। वोक्कालिगा जाति से आती हैं। चिकमंगलुर के उड़ुपी से लोकसभा सांसद हैं। 

भानुप्रताप सिंह वर्मा- अनुसूचित जाति के बड़े नेता हैं। यूपी के जालौन से लोकसभा सांसद हैं। बुंदेलखंड इलाके के बड़े दलित नेता माने जाते हैं। स्थानीय लोगों में काफी अच्छी पकड़ है। पांच बार लोकसभा के सांसद रह चुके हैं।

दर्शना विक्रम जरदोश- अनुसूचित जाति की कद्दावार नेता हैं। 40 वर्षों से सार्वजनिक जीवन का हिस्सा हैं। 2019 में तीसरी बार लोकसभा सांसद निर्वाचित हुई हैं। गुजरात के सूरत सीट से लोकसभा की सांसद हैं। अहम मंत्रालय का हिस्सा बन सकती हैं। 

मीनाक्षी लेखी- मीनाक्षी लेखी दिल्ली से एकमात्र सांसद हैं जो मंत्रिमंडल में शामिल हैं। डॉ. हर्षवर्धन स्वास्थ्य मंत्रालय से इस्तीफा दे चुके हैं। मीनाक्षी लेखी दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ले चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट की वकील रही हैं। नई दिल्ली सीट से लगातार दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुई हैं। समाजसेविका भी हैं। दिल्ली नगर निगम में भी सक्रिय रही हैं। 

अन्नपूर्णा देवी- अन्नपूर्णा देवी झारखंड के कोडरमा लोकसभा सीट से सांसद हैं। पहली बार संसद पहुंची हैं। इसके पहले संयुक्त बिहार और झारखंड में 4 बार विधायकी जीत चुकी हैं। झारखंड में कैबिनेट मंत्री भी रही हैं। झारखंड में यादव समाज की बड़ी नेता के रूप में जानी जाती हैं। 30 साल से ज्यादा का राजनैतिक अनुभव है अन्नपूर्णा देवी की। 

ए नारायणस्वामी- कर्नाटक सरकार में कैबिनेट मत्री रह चुके हैं। 2019 में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता है। 30 साल से ज्यादा का राजनीतिक अनुभव है। कर्नाटक के चित्रदुर्ग से लोकसभा सांसद हैं। स्थानीय स्तर पर अच्छी पकड़ है। 

कौशल किशोर- यूपी के अवध इलाके में कद्दावार दलित नेता के रूप में पहचाने जाते हैं।  यूपी के मोहनलालगंज से लोकसभा सांसद हैं। यूपी में विधायकी भी जीत चुके हैं। कालीचरण यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल की है। 

अजय भट्ट- साल 2019 में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता। उत्तराखंड में रमेश पोखरियाल निशंक की जगह पर इनको लाया गया है। ब्राह्मण समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। आगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में समीकरण के हिसाब से इनको राज्यमंत्री बनाया गया है। 

बीएल वर्मा- यूपी से राज्यसभा सांसद हैं। रुहेलखंड इलाके में लोध जाति के बड़े नेता के रूप में पहचाने जाते हैं। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के करीबी रहे हैं। संस्कृत यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। यूपी चुनाव में अहम साबित होंगे। लोधी समुदाय को साधने की कोशिश होगी। 

देवसिंह चौहान- गुजरात के खेड़ा लोकसभा सीट से सांसद हैं। 2 बार विधायक भी रह चुके हैं। ऑल इंडिया रेडियो में बतौर इलेक्ट्रिक इंजीनियर काम कर चुके हैं। 

भगवंत खुंभा- कर्नाटक के बीदर लोकसभा सीट से दो बार से सांसद हैं। मैकेनिक इंजीनियर रहे हैं। लिंगायत समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं। 

कपिल पाटिल- मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं। 2019 में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता। कोंकण इलाके में अच्छी पकड़ मानी जाती है। महाराष्ट्र के भिवंडी से लोकसभा सांसद हैं। महाराष्ट्र की राजनीति का अहम चेहरा हैं। 

प्रतिमा भौमिक- त्रिपुरा में प्रतिमा भौमिक को दीदी के नाम से जाना जाता है। बायो साइंस में ग्रेजुएशन किया है। त्रिपुरा पश्चिम से लोकसभा सांसद हैं। त्रिपुरा से इकलौती मंत्री हैं। प्रतिमा भौमिक समाजसेविका भी रही हैं। किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं। 

डॉ. सुभाष सरकार- पेशे से चिकित्सक हैं। पश्चिम बंगाल की बांकुड़ा लोकसभा सीट से सांसद हैं। बाबुल सुप्रियो की जगह इनको मंत्री मनाया गया है। कोलकाता यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है। पश्चिम बंगाल की राजनीति में उभरते नेता हैं। 

डॉ. राजकुमार रंजन सिंह- गुवाहाटी यूनिवर्सिटी से एमए और पीएचडी किया है। मणिपुर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रहे हैं। उत्तर पूर्व के प्रमुख राजनैतिक चेहरे हैं। साल 2019 में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता। केंद्र के साथ उत्तर पूर्व का जुड़ाव सुनिश्चित करेंगे। 

भारती प्रवीण पवार- महाराष्ट्र के डिंडोरी से लोकसभा सांसद हैं। नासिक मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री ली। नासिक जिला परिषद के अध्यक्ष रहे हैं। 

बिश्वेश्वर टुडू- ओड़िशा के मयूरभंज से लोकसभा सांसद हैं। आदिवासी समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है। 

शांतनु ठाकुर- हॉस्पिटिलिटी में पीजी डिप्लोमा किया है। बंगाली समुदाय में अच्छी पकड़ मानी जाती है। मतुआ समुदाय के कद्दावार नेता हैं। पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान बांग्लादेश के दौरे पर पीएम मोदी शांतनु ठाकुर को साथ ले गये थे। बंगाल के बनगांव से लोकसभा सांसद हैं। इनको राज्यमंत्री बनाना मतुआ समुदाय को साधने को कोशिश मानी जा रही है। 

डॉ. मुंजापार महेंद्रभाई- पेशे से चिकित्सक हैं। गरीबों के लिए 2 रुपये में दवा उपलब्ध करवाने को लेकर लोकप्रिय हुए थे। गरीबों का मुफ्त इलाज करते हैं। समाजसेवी हैं। गुजरात के सुरेंद्रनगर सीट से सांसद हैं। कोली समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं। 

जॉन बारला- गोरखालैंड आंदोलन से उभरे बड़े नेता हैं। बगाल के अलीपुरद्वार लोकसभा सीट से सांसद हैं। 2019 में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता। 14 साल की उम्र में चाय बागान में काम करना पड़ा था। चाय बागान श्रमिकों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। 

डॉ. एल मुरुगन- तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं। तमिलनाडु में बीजेपी के उभरते नेता हैं। स्थानीय राजनीति में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। 

निशित प्रमाणिक- कूचबिहार लोकसभा सीट से सांसद हैं। 2019 में पहली बार चुनाव जीता। उत्तर बंगाल में राजवंशी समुदाय के बड़े नेता के तौर पर पहचाने जाते हैं। सांसद रहते पश्चिम बंगाल विधानसभा का चुनाव भी जीता। प्राइमरी स्कूल के शिक्षक रह चुके हैं।