logo

बेटा नहीं जन्मा तो पत्नी समेत मासूम बेटियों को घर में बंद कर लगा दी आग पड़ोसियों ने बचाया

5200news.jpg
द फॉलोअप टीम, गिरिडीह :
देश काफी आगे निकल चुका है, मगर आज भी लड़की होना किसी अपराध से कम नहीं। कल सरस्वती पूजा है, ज्ञान की देवी की पूजा से पहले एक इंसान ने अपने घर में जन्मी लक्ष्मी की हत्या करने की कोशिश की। जी हाँ , यह वही पुराना मामला है जहां बेटों की चाह में अंंधा यह समाज न जाने कितनी बेटियों को कुर्बान कर चुुका है। राज्य के भेलवाघाटी थाना क्षेत्र के लोका गांव में एक पति ने पत्नी, दो मासूम बेटी और सास को घर में बंद कर बाहर से मकान में आग लगा दिया। इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। मगर बेटी के जन्म पर लगाई इस आग ने एक बार फिर काले समाज का चेहरा दिखाया है। दिलीप सिंह बेटियों के जन्म लेने से गुड़िया को अक्सर प्रताड़ित किया करता था। गुड़िया ने बताया कि उसका पति उसकी हत्या कर दूसरी शादी करना चाहता था। उसने पति के खिलाफ थाना में आवेदन दिया है। 

बेटा ना होने पर प्रताड़ित करता था दिलीप 
दिलीप सिंह की पत्नी गुड़िया ने बताया कि वो शादी के बाद से अपने मायके में ही पति के साथ रहती थी। इस दौरान उसकी दो बेटियों ने जन्म लिया। दिलीप बेटा न होने से  बौखला गया था और अक्सर इस बात को लेकर गुड़िया से झगड़ा करता था। पिछले 6 माह से दिलीप अकेला ही अपने घर देवरी थाना क्षेत्र स्थित बेरिया में रह रहा था। गुड़िया के मुताबिक, उसके पिता कोलकाता में मजदूरी करते हैं और वो अपनी मां उर्मिला देवी और 6 साल व 4 साल की दो बेटियों के साथ यहां रहती थी। 

ये भी पढ़ें.......

दरवाज़ा बंद किया और पेट्रोल छिड़क कर लगा दी आग 
शनिवार की शाम जब दिलीप गांव आया तो उसने गुड़िया को घर से बाहर बुलाया। दिलीप ने गुड़िया को अपने ससुराल चलने की बात कही। मगर गुड़िया ने मां को अकेला छोड़ ससुराल जाने से इंकार कर दिया और वापस घर आ गई। इसी दौरान पीछे से दिलीप भी वहाँ पहुंचा और घर के दरवाजे को बाहर से बंद कर पेट्रोल छिड़क घर में आग लगा कर भाग गया। बाद में गुड़िया और उसकी मां ने शोर मचाया तो लोगों ने आग बुझा कर  सभी को घर से बाहर निकाला लिया। वाही, थाना प्रभारी प्रशांत कुमार ने बताया की मामले की पूरी जांच की जा रही है।