द फॉलोअप टीम, जमशेदपुर:
बेकारबांध के एक घर में रहने वाले बैंक कर्मी और उनकी पत्नी की मौत हो गयी। मृतकों की पहचान 52 वर्षीय वीरेंद्र प्रसाद और 50 वर्षीय कंचन प्रसाद के रूप में हुई है। पत्नी की मौत दिन के साढ़े बारहबजे हुई। पत्नी की अंतिम संस्कार की तैयारी हो ही रही थी तभी शाम के साढ़े पांच बजे खबर आई कि वीरेंद्र प्रसाद भी नहीं रहे। उन्होंने मिशन हॉस्पिटल दुर्गापुर ले जाते समय दम तोड़ दिया।
वैक्सीन लेने के बाद से बिगड़ी तबीयत
आरोप है कि इन दोनों की मौत इसलिए हुई क्योंकि अस्पताल में वेंटिलेटर नही था। दंपती के कम हो रहे ऑक्सीजन लेवल को देखते हुए डॉक्टरों ने वेंटिलेटर की जरूरत बताई थी। अस्पताल में वेंटिलेटर खाली ना मिलने पर पहले कंचन प्रसाद की मौत हुई। बता दें कि दोनों ने 10 दिन पहले ही कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लिया था। इसके बाद से ही दोनों की तबीयत बिगड़ने लगी। सांसे फूलने लगीं, दोनों का ऑक्सीजन लेवल कम होता चला गया। दोनों को एसएनएमएमसीएच में बहुत मुश्किल से बेड मिले थे।
परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग को कोसा
किसी तरह से वीरेंद्र के लिए दुर्गापुर के मिशन हॉस्पिटल में वेंटिलेटर बेड मिली। अस्पताल से वीरेंद्र के दोस्त शाम 5 बजे उनको लेकर दुर्गापुर निकले, पर रास्ते में ही मौत हो गई। ऐसे में बेटे को निशांत को पहले पिता का अंतिम संस्कार करना पड़ा फिर मां का। एक दिन में माता-पिता की मौत हो जाने से बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की लचर व्यवस्था की वजह से दंपत्ति की मौत हो गयी। यदि सुविधाएं दुरुस्त होती तो ऐसा नहीं होता।