द फाॅलोअप टीम, नई दिल्ली
दिल्ली और आसपास में जुटे किसान अब अगली रणनीति पर मंथन करने लगे हैं। इधर, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक बयान जारी कर किसानों से बातचीत की अपील की है। वैसे तीन नये कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है। दिल्ली के सिंघु और टिकरी सीमा पर किसान पहले से ही डटे हुए हैं। अब यूपी सीमा पर भी हजारों की संख्या में किसानों का जुटाना प्रारंभ हो गया है। सूत्रों से मिली खबर में बताया गया है कि दिल्ली के बाॅडर इलाके में कम से कम पांच लाख किसान पहुंच चुके हैं। गौरतलब है कि देश के कई हिस्सों से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली में डेरा जमाये हुए हैं। उम्मीद की जा रही है कि यहीं पर किसान आगे कि रणनीति पर विचार करेंगे।
केन्द्रीय गृहमंत्री ने वार्ता का दिया न्यौता
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक निजी समाचार एजेंसी को बताया कि वे किसानों से बात करने के लिए तैयार हैं। वे जब चाहें बात के लिए आ सकते हैं। उनके लिद दिल्ली में प्रवेष के लिए भी अनुमति दे दी गयी है। शाह ने आंदोलनकारी किसानों से तीन दिसंबर से पहले वार्ता का न्यौता दिया है। केन्द्रीय गृहमंत्री शाह ने किसानों से सड़क खाली करने की अपील की है, मगर किसान अड़े हुए हैं। दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों ने शनिवार को मीटिंग की. मीटिंग के बाद भारतीय किसान संघ ने कहा कि हम यहां से कहीं नहीं जायेंगे और अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। आंदोलन के तीसरे दिन किसानों ने कहा कि अगर उनकी बात नहीं मानी गयी, तो वे दिल्ली का मेन हाइवे जाम कर देंगे।
तीन कानूनों का किसान कर रहे हैं विरोध
गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसान आंदोलन पर हैं। भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत ने बताया कि सलाह-मशविरा करने के बाद वे यहां से आगे बढ़ेंगे। किसानों के एलान से दिल्ली पुलिस के अधिकारी चैकस हो गये हैं। दिल्ली में फल-सब्जी व दूध की सप्लाई बाधित हो गयी है। यही नहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का कई राज्यों से संपर्क कट गया है। आंदोलन के कारण करीब तीन हजार ट्रक जाम में फंस गये हैं। दिल्ली समेत कई राज्यों में फल, सब्जी, दूध व अन्य जरूरी सामान की सप्लाई बाधित हो गयी है। कश्मीर, हिमाचल व पंजाब से फलों व सब्जियां लेकर आने वाले ट्रक हाइवे पर आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। यूपी व उत्तराखंड से अन्य राज्यों का संपर्क टूट गया है।