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नागालैंड फायरिंग पर गृहमंत्री दोनों सदनो में देंगे जवाब, राज्य सरकार ने गठित की SIT

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द फॉलोअप टीम, दिल्ली: 

गृहमंत्री अमित शाह सोमवार को संसद के दोनों सदनों यानी राज्यसभा और लोकसभा में नागालैंड फायरिंग की घटना पर बयान देने जा रहे हैं। गौरतलब है कि नागालैंड के मोन जिला स्थित ओटिंग जिले के तिरु इलाके में असम राइफल्स के जवानों द्वारा की गई फायरिंग में कुछ नगा युवकों की जान चली गई। कहा जा रहा है कि फायरिंग की ये घटना उस वक्त हुई जब नगा युवक स्थानीय कोयले की खान से काम करके वापस लौट रहे थे। घटना से नागालैंड में काफी तनाव है। 

गलत पहचान की वजह से घटी घटना! 
प्रारंभिक जांच के मुताबिक घटना गलत पहचान की वजह से घटी। असम राइफल्स ने रविवार को जारी बयान में बताया था कि विश्वसनीय जानकारी के आधार पर सुरक्षाबल घेरेबंदी के लिए गये थे। इसी दौरान शायद पहचान की समस्या की वजह से फायरिंग हुई। कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में इसकी जांच की जायेगी। असम राइफल्स ने घटना पर दुख व्यक्त किया। 

ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों की गाड़ियां फूंकी
मिली जानकारी के मुताबिक फायरिंग की घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों की गाड़ियां फूंक दी। पथराव किया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जवानों ने गोलियां चलाईं जिसमें कुछ और लोग मारे गये। नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियु रियो ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के लिए विशेष जांच दल यानी एसआईटी का गठन किया। भारतीय सेना ने घटना पर दुख व्यक्त किया है और कहा है कि घटना की उच्च-स्तरीय जांच की जायेगी। मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की। 

नागालैंड में मोबाइल-इंटरनेट सेवा बंद
फायरिंग की घटना के बाद राज्य सरकार ने रविवार को ही शाम से मोबाइल इंटरनेट, डाटा सर्विस, बल्क एसएमएस पर प्रतिबंध लगा दिया। ये प्रतिबंध पूरे मोन जिले में लगाया गया है। गृहमंत्री ने रविवार को घटना पर दुख व्यक्त किया और मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की। गौरतलब है कि नागालैंड बीजेपी ने घटना को नरसंहार बताया है और जांच की मांग की।