द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
संसद की शीतकालीन सत्र चल रहा है। फिलहाल दोनों सदनों की कार्यवाही 6 दिसंबर तक के लिए स्थगित की गई है। इस बीच संसद में कामकाज का लेखा-जोखा भी सामने आ गया है। मिली जानकारी के मुताबिक बीते शुक्रवार को समाप्त हुए शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के दौरान राज्यसभा ने निर्धारित बैठक के समय का 52.30 फीसदी हिस्सा गंवा दिया।
हंगामेदार रहा सत्र का पहला हफ्ता
गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र की शुरुआत ही हंगामेदार रही। राज्यसभा और लोकसभा, दोनों ही सदनों में विपक्ष ने खूब हंगामा किया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राज्यसभा में कम कामकाज की वजह व्यवधान और जबरन स्थगन रहा। दरअसल, राज्यसभा में विपक्षी सांसदों द्वारा किए जा रहे हंगामे और कार्यवाही के स्थगित किए जाने से एय स्थिति आई।
सभापति एम वेंकैया नायडू की मंत्रणा
गौरतलब है कि बीते हफ्ते शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कुछ विपक्षी नेताओं और मंत्रियों के साथ चर्चा की थी। सभापति ने दोनो पक्षों से सदन के 12 सदस्यों के निलंबन पर विचार करने का आग्रह किया था। विपक्ष ने निलंबन रद्द करने की मांग की है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगस्त महीने में मानसून सत्र के आखिरी दिन असंसदीय व्यवहार करने की वजह से राज्यसभा से 12 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। विपक्ष इससे क्षुब्ध है।
इन 12 राज्यसभा सांसदों को निलंबित किया
शीतकालीन सत्र के पहले दिन से लेकर कार्यवाही को 6 दिसंबर तक के लिए स्थगित करने तक निलंबित विपक्षी सांसदों ने गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया। उन्होंने निलंबन के विरोध में नारेबाजी की। कई बार राज्यसभा और लोकसभा के बाकी विपक्षी सांसदों ने निलंबित राज्यसभा सांसदों का समर्थन करने के लिए सदन से वॉकआउट किया। गौरतलब है कि राज्यसभा से कांग्रेस के 6, शिवसेना के 2, टीएमसी के 2, सीपीआई के 1 और सीपीएम के 1 सांसद को निलंबित किया गया।