द फॉलोअप टीम, डेस्क:
गूगल ने 2 सितंबर 201 यानी गुरुवार का डूडर रूडोल्फ स्टीफन को समर्पित किया है। गूगल ने रूडोल्फ स्टीफन का डूडल बनाकर उनको श्रद्धांजलि दी है। गौरतलब है कि रूडोल्फ स्टीफन एक पोलिश आविष्कारक, डॉक्टर और इम्यूनोलॉजिस्ट थे। आज उनका 138वां जन्मदिन है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उन्होंने टाइफस बीमारी का टीका तैयार किया था। टाइफस मानव सभ्यता की सबसे पुरानी और संक्रामक बीमारी मानी जाती है।
पौलेंड के रहने वाले थे रूडोल्फ स्टीफन
रूडोल्फ स्टीफन का पूरा नाम रूडोल्फ स्टीफन जॉन वीगल था। वो पौलेंड के रहने वाले थे। रूडोल्फ एक बॉयोलॉजिस्ट, डॉक्टर औऱ आविष्कारक थे। रूडोल्फ का चिकित्सा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान रहा है। रूडोल्फ ने दुनिया की सबसे जानलेवा और संक्रामक बीमारियों में से एक टाइफस का टीका तैयार किया था। गौरतलब है कि द्वितीय विश्व युद्ध के समय टाइफस की वजह से लाखों लोग संकट में थे। ऐसे वक्त में रूडोल्फ स्टीफन ने टाइफस का प्रभावी टीका बनाकर लाखों-करोड़ों लोगों की जिंदगी बचाई।
टाइफस बीमारी का टीका विकसित किया
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टाइफस बीमारी सिर के बालों में पाए जाने वाले जूं के जरिए फैलती है। इतिहास में इस बीमारी की वजह से लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस बीमारी के बारे में रूडोल्फ स्टीफन ने गहन अध्ययन किया। उन्होंने ये जानने के लिए कि कैसे ये बीमारी फैलती है और कैसे इसको ठीक किया जा सकता है ये जानने के लिए लंदन विश्वविद्यालय में एक शोध संस्थान की स्थापना की। उन्होंने कई सालों तक वहां रिसर्च किया और बीमारी का प्रभावी दवा तलाशी।
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया
बता दें कि रूडोल्फ स्टीफन जॉन वीगल का जन्म ऑस्ट्रो-हंगेरियन शहर प्रजेरो में आधुनिक चेक गणराज्य में 2 सितंबर 1883 को हुआ था। रूडोल्फ ने पोलैंड के लावॉव यूनिवर्सिटी में जैव विज्ञान का अध्ययन किया। 1914 में उन्होंने पोलिश आर्मी में बतौर परजीवी विज्ञानी काम करना शुरू किया। यही वो वक्त था जब पूर्वी यूरोप में लाखों की जनसंख्या टाइफस से त्रस्त थे। उनको रिचर्स में ये पता चला कि घातक जीवाणुओं को फैलाने के लिए जूं का उपयोग कैसे किया जाता है। उन्होंने गहन अध्ययन किया और साल 1936 में सफलतापूर्वक टाइफस बीमारी का टीका विकसित कर लिया। रूडोल्फ को नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया