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Jharkhand Corona Update: लगातार चौथे सप्ताह दिखा संपूर्ण वीकेंड लॉकडाउन का प्रभाव, कई जिलों में सड़कों पर दिखा सन्नाटा

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

संपूर्ण वीकेंड लॉकडाउन का आज चौथा चरण है। चौधा वीकेंड लॉकडाउन शनिवार शाम 8 बजे से ङी शुरू हो गया था। शनिवार की रात आठ बजे से सोमवार की सुबह छह बजे तक लागू वीकेंड लॉकडाउन का झारखंड के विभिन्न जिलों में व्यापक असर है। कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार काफी हद तक कम हो गई है लेकिन एहतियातन राज्य में संपूर्ण वीकेंड लॉकडाउन की व्यवस्था की गई है। छुट्टी के दिन लोगों को ज्यादा निकलने की संभावना रहती है। 



रविवार को कई जिलों में पसरा दिखा सन्नाटा
रांची में रविवार को शहरी इलाके से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में दुकानें नहीं खुलीं। दुकानों में शटर का ताला लगा दिखा। सब्जी बाजार में भी सन्नाटा पसरा दिखा। लोग अपने-अपने घरों में बंद है। किसी जरूरी काम से ही लोग निकल रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस सहित पुलिस के जवान बाहर घूमतो लोगों से घर से निकलने की वाजिब वजह पूछ रहे हैं। केवल उन्हें ही बाहर जाने दिया जा रहा है जिसे कोई जरूरी काम है। वीकेंड लॉकडाउन में हालांकि हेल्थ सर्विस, मिल्क सेंटर्स और पेट्रोल पंप खुले हैं। इस दौरान पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद है। ऑटो या बस नहीं मिल रही है। हाइवे पर केवल मालवाहन वाहनों का आवागमन हो रहा है। प्रमुख चौक चारों पर पुलिस के जवानों की तैनाती है। 



प्रदेश में बीते 24 घंटे में मिले 56 नए कोरोना मरीज
जहां तक बात कोरोना के नए मामलों की है तो झारखंड के अलग-अलग जिलों में बीते 24 घंटे में 56 नए पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इस बीच 82 लोगों ने कोरोना को मात दी है। पूरे राज्य में अब एक्टिव कोविड मरीजों की संख्या 423 बची है। झारखंड में अब तक 3 लाख 46 हजार 223 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 3 लाख 40 हजार 665 लोगों ने कोरोना को मात दी है। इस बीच स्वास्थ्य विभाग कोरोना की तीसरी लहर से बचने की तैयारी में जुट गया है। विभाग ने सदर अस्पताल, सीएचसी तथा पीएचसी में उपलब्ध उपकरणों की रिपोर्ट मांगी है। 



तीसरी लहर की रोकथाम की तैयारी में स्वास्थ्य विभाग
गौरतलब है कि झारखंड सहित पूरे देश में अप्रैल और मई माह में कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी। पूरे देश में एक दिन में 4 लाख से ज्यादा कोरोना मरीज मिल रहे थे। रोजाना मृतकों की संख्या तकरीबन पांच हजार तक जा रही थी। इस दौरान अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन औऱ दवाईयों का अभाव दिखा था। तीसरी लहर में आशंका व्यक्त की जा रही है कि बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। सरकारें उस दिशा में ही स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के प्रयास में लगी है। झारखंड में भी फिजिशियन को बाल रोग के इलाज की ट्रेनिंग दी जा रही है।