द फॉलोअप टीम, गोड्डा:
गोड्डा में अजीबो-गरीब नजारा दिखा। नवरात्रि के पहले दिन कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई गई। पहली पूजा के दिन कलश यात्रा निकाली गई जिसमें तकरीबन पांच हजार लोगों ने हिस्सा लिया। हैरानी की बात तो ये है कि इतनी बड़ी बात की आला अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी। गौरतलब है कि दुर्गा पूजा को लेकर राज्य की हेमंत सरकार ने कुछ गाइडलाइन तय किया है जिसके तहत किसी भी प्रकार की शोभा यात्रा, डांडिया या गरबा कार्यक्रम में रोक लगाई गई है।
सरकार की गाइडलाइन की उड़ाई धज्जियां
गौरतलब है कि हेमंत सरकार ने अपनी गाइडलाइन में कहा था कि दुर्गा पंडाल तीन तरफ से खुला होना चाहिए। दुर्गा प्रतिमा की ऊंचाई 5 फीट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। पूजा पंडाल में उसकी क्षमता के महज 50 फीसदी लोगों को ही जाने की इजाजत मिलेगी। किसी भी परिस्थिति में पूजा पंडाल में महाप्रसाद का वितरण नहीं किया जायेगा। पंडालों में आकर्षक लाइटिंग की वजह साधारण लाइट का इस्तेमाल करना होगा। पूजा समिति के सभी लोगों को कोविड टीका का 2 डोज लगवाना अनिवार्य होगा। किसी भी प्रकार की शोभा यात्रा, डांडिया और गरबा कार्यक्रम को मंजूरी नहीं मिलेगी।
कलश यात्रा में शामिल होने आई हजारों की भीड़
प्रशासन को सख्त हिदायत दी गई थी कि कोविड की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाया जाये। गौरतलब है कि गोड्डा जिला के कई पूजा पंडालों में प्रस्तावित कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है लेकिन जिले के पथरगामा थानाक्षेत्र अंतर्गत रजौन मोड़ स्थित दुर्गा पूजा पंडाल में कलश यात्रा में 5 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। हैरानी की बात है कि जहां मास्क ना पहनने पर जुर्माना के साथ जेल का प्रावधान है वहां पांच हजार लोग बिना किसी सेफ्टी के कलश यात्रा में शामिल होते हैं और प्रशासन को कानों-कान खबर नहीं होती।