logo

दुमका: किसानों ने मनाया 'काला दिवस', तीन नए कृषि बिल के खिलाफ किया प्रदर्शन

8995news.jpg
मोहित कुमार, दुमका: 

अखिल भारतीय संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर दुमका में अखिल भारतीय किसान सभा के तत्वाधान में ग्राम गादी कोरैयया एवं ग्राम नकटी सहित कई पंचायतों में  केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानून को रद्द करने, एमएएसपी कानून बनाने एवं अन्य मांगों को लेकर काला दिवस मनाया गया। 

प्रदर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
लोगों ने प्रदर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया गया। केंद्र सरकार का विरोध करते हुए सरकार के सामने मांग रखी कि  कोरोना महामारी की वजह से आम आदमी त्राहिमाम कर रहा है। केंद्र सरकार इनकम टैक्स के दायरे से बाहर प्रति व्यक्ति साढ़े सात हजार रूपया प्रतिमाह छह महीने तक दिया जाये। प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज छह महीने तक दिया जाये। मनरेगा में निर्धारित न्यूनतम मजदूरी को दोगुना किया जाये। कोरोना मरीजों का इलाज मुफ्त में किया जाये। 

संयुक्त किसान सभा ने रखी कुछ प्रमुख मांग
एतेशांम अहमद ने कहा कि हर व्यक्ति को केंद्र सरकार मुफ्त टीकाकरण करने की गारंटी दे  जिससे कोरोना महामारी पर कंट्रोल किया जा सके। अभी इस महामारी के अलावे और कई महामारी हमारे देश में लगातार फैल रहा है जिस पर केंद्र सरकार ने किसी भी तरह की तैयारी नहीं की और चुनाव में ही व्यस्त रही। पीएम केयर्स फंड में कितने पैसे आए कोविड-19 के लिए कितना खर्च किया गया इसका कोई लेखा-जोखा सरकार के पास नहीं है। किसान बीते छह माह से दिल्ली की सीमा पर आंदोलनरत हैं लेकिन उन पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया जा सका है। 

मोदी सरकार को किसान विरोधी बताया
आंदोलनरत किसानों ने बताया कि किसान आंदोलन के प्रति उदासीनता और कृषि कानून को लेकर हठधर्मिता की वजह से लाखों किसानों ने अपने घरों और गली मुहल्लों में प्रदर्शन किया। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए कृषि कानून के विरोध में काला दिवस मनाया। इनका कहना है कि इन सात सालों में केंद्र की मोदी सरकार ने देश को सत्तर साल पीछे धकेल दिया। 

कृषि बिल के खिलाफ जारी रहेगा आंदोलन
दुमका अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य संयुक्त सचिव एहतेशाम अहमद ने कहा कि महंगाई आसमान छू रही है। कॉरपोरेट मालामाल हो रहा है। कोई केवल मुनाफा कमा रहा है और गरीब और गरीब होता जा रहा है। इन्होंने केंद्र सरकार पर मजदूर और किसान विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कृषि बिल के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। अब तक 600 किसानों ने शहादत दी है।