द फॉलोअप टीम, गुमला:
अगर आप गरीब हैं और आपके घर में कमाने वाले व्यक्ति की मौत हो जाती है तो आपको चिंता करने की जरुरत नहीं है। क्योंकि ऐसे कठिन समय में प्रशासन आपके साथ हमेशा खड़ी है। अगर आपके साथ कभी यह अनहोनी होती है, तो प्रशासन आपको आर्थिक मदद के तौर पर एक बोरी चावल जरूर पहुंचा देगी। इस महंगाई के जमाने में एक बोरी चावल की कीमत भी कम भी कम थोड़ी ना हैं। प्रखंड के बीडीओ से मिले उस चावल से ही आप संतुष्ट हो जाएं कम से कम आपको आर्थिक सहायता के तौर पर चावल मिली तो सही। दरअसल हम यह बातें इसलिए लिख रहें हैं, क्योंकि ऐसी घटना गुमला के रायडीह थाना क्षेत्र के उरू सोपो गांव में घटी है।
किसान की हुई मौत
इस गांव में 36 वर्षीय किसान चोन्हास कुजूर पिता ने तंगहाली से आत्महत्या कर ली। घर की आर्थिक स्तिथि बहुत ही ख़राब है। किसान के पिता ने कटहल के पेड़ में फंदे में लटककर अपनी जान दी है। रायडीह प्रखंड के बीडीओ मिथिलेश कुमार सिंह ने मृतक की पत्नी को आर्थीक मदद के तौर एक बोरी चावल दिया है। अब बताइये जिस घर की स्थिति इतनी ख़राब है कि व्यक्ति आत्महत्या करने पर मजबूर हो गया। अगर वहां एक बोरी चावल पहुंचाई जाए तो उस परिवार को कैसा महसूस होगा। मृतक की पत्नी ने बताया कि उनके पति गांव में ही खेती मजदूरी करते थे लेकिन पिछले तीन साल से वे बीमार चल रहे थे।
इलाज के अभाव में मौत
मृतक किसान की पत्नी ने बताया कि इलाज में कमाई का सारी जमा पूंजी खत्म हो गई । घर की माली हालत ठीक नही थी। पैसा खत्म होने के बाद उनका इलाज भी नहीं हो पा रहा था, जिससे पति अक्सर तनाव में रहते थे। अंत में वह इतना हिम्मत हार गए कि उन्होंने आत्महत्या कर कर ली। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।