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वायु प्रदूषण की वजह से हर तीसरा बच्चा अस्थमा से पीड़ित, 15 लाख लोग प्रतिवर्ष होते हैं हताहत

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द फॉलोअप टीम, डेस्क: 

दिवाली खत्म हो चुकी है। सर्दियों ने दस्तक दी है। अब हर साल की भांति इस साल भी वायु प्रदूषण का मसला सुर्खियों में है। विशेष तौर पर राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण ने भीषण रुख अख्तियार कर लिया है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक काफी खराब स्थिति में पहुंच गया है। हालात ये हैं कि कई इलाकों में लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने आरोप लगाया है कि प्रदूषण के लिए विपक्ष जिम्मेदार है। 

वायु प्रदूषण से मरते हैं 15 लाख लोग
दिल्ली सहित देश के बाकी शहरों में दिवाली बाद बढ़े प्रदूषण के मद्देनजर पर्यावरणविद विमलेंदू झा ने कहा कि वायु प्रदूषण से प्रतिवर्ष 15 लाख लोगों की मौ'त हो जाती है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोग वायू प्रदूषण की वजह से अपनी जीवन के साढ़े 9 साल गंवा देते हैं। लंग केयर फाउंडेशन का कहना है कि वायु प्रदूषण की वजह से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हर तीसरे बच्चे को अस्थमा की शिकायत है। 

गोपाल राय ने प्रदूषण पर दिया बयान
इस बीच दिल्ली सरकार में श्रम मंत्री गोपाल राय ने वायु प्रदूषण को लेकर बड़ा बयान दिया है। गोपाल राय ने बताया कि आपातकालीन उपाय के रूप में हमने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एंटी-स्मॉग वाटर टैंक की मदद से सड़कों पर पानी का छिड़काव शुरू किया है। मानदंडो का उल्लंघन करने का दोषी पाए जाने की वजह से 92 निर्माण स्थलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे ऐसी गतिविधियों से बचें जिससे वायु प्रदूषण फैलता है। 

दिल्ली सहित कई शहरों में खराब हालत
गौरतलब है कि हर साल दिवाली के बाद दिल्ली सहित कई शहरों में वायु प्रदूषण की शिकायत सामने आती है। दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, भोपाल, पटना सहित कई अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। लोगों को सांस लेने में तकलीफ जैसी शिकायत सामने आती है। इस समय भी दिल्ली के कई इलाकों में दृश्यता काफी कम हो जाती है। वातावरण में स्मॉग की मोटी लेयर बिछ जाती है जिससे परेशानी होती है।