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इमरजेंसी एक भूल थी, लेकिन कांग्रेस ने संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश नहीं की: राहुल गांधी

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द फॉलोअप टीम, दिल्ली :
आजादी के बाद इमरजेंसी को लोकतंत्र पर स्याह धब्बे की तरह देखा जाता रहा है। इंदिरा गांधी के दौर-ए-हुकूमत में यह 1975 से 77 के बीच 21 महीने के लिए देश में लगाई गई थी। इसके बाद ही जय प्रकाश नारायण की अगुवाई में बड़े आंदोलन हुए। आखिर इंदिरा को सत्ता गंवानी पड़ी। तब कई बड़े नेता जेल में बंद कर दिए गए थे। इमरजेंसी के लिए कांग्रेस हमेशा विपक्ष के निशाने पर रही है। कांग्रेस जब भाजपा पर अभिव्यक्ति की आज़ादी कुचलने के आरोप लगाती है, तो कांग्रेस को इमरजेंसी की याद दिलाई जाती है। अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने स्वी कार किया है कि  इमरजेंसी एक बड़ी भूल थी। तब सरकार का फैसला पूरी तरह से ग़लत था। इंदिरा गांधी ने भी इसे माना था। यह कांग्रेस की मूल विचारधारा के भी विपरीत था। लेकिन तब कांग्रेस ने भारत के संस्थानिक ढांचा पर कब्जा करने की कोशिश नहीं की थी, जैसा आज संघ कर रहा है।

नागरिक आजादी छीनना गलत
राहुल गांधी ने कहा है कि संवैधानिक अधिकार और नागरिक स्वीतंत्रता छीनना सरासर गलत है। इमरजेंसी के समय ऐसा हुआ था। प्रेस पर बंदिशें थीं। लेकिन आज उससे बहुत अच्छीै स्थिइति नहीं है। संघ हर सरकारी संस्था में अपने विचारधारा के लोगों को बहाल कर रहा है। राहुल की आशंका है कि यदि चुनाव में भाजपा को पराजित भी कर दिया जाए तो संस्था ओं को उनके लोगों से मुक्त करना बहुत मुश्किकल होगा।

आज के हालात आपातकाल से ज़्यादा ख़राब: शिवानंद तिवारी
इधर, पटना में राजद के वरिष्ठ  उपाध्यदक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि वो आपात काल पर राहुल गांधी के बयान का स्वागत करते हैं। लेकिन आज के हालात आपातकाल से ज़्यादा ख़राब हैं।  लोकतंत्र को क़ायम रखने और चलाने के लिए आवश्यक सभी संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता लगभग समाप्त कर दी गई हैं। सरकार की नीतियों से असहमत होना, उनका विरोध करना जोखिम का काम हो गया है। सरकारी कोप का शिकार सभी हो रहे हैं। चाहे वो कम उम्र के विद्यार्थी हों या बीमार बुजुर्ग, औरत हो या मर्द। नामी पत्रकार हों या राजनीतिक कार्यकर्ता , आपकी बात अगर हुक्मरानों को नागवार लगी तो आतंकी क़ानून में आप अंदर! फिर आप बाहर तब आयेंगे यह तो उपरवाला जाने। आपके साथ क्या हो रहा है। इसकी जानकारी मीडिया का बड़ा हिस्सा नहीं बताता है। भविष्य के आसार अच्छे नहीं नज़र आ रहे हैं।

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