द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कोर्ट के फटकार मिलने के बाद चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव की मतगणना वाले दिन और उसके बाद किसी भी विजय जुलूस पर पाबंदी लगा दी है। मतगणना वाले दिन और उसके बाद कोई भी राजनीतिक पार्टी विजय जुलूस नहीं निकाल सकती।
केवल दो लोगों के साथ सर्टिफिकेट लेने जाएं
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि विजेता उम्मीदवार या उसका प्रतिनिधि केवल 2 लोगों को साथ लेकर ही अपनी जीत का सर्टिफिकेट लेने रिटर्निंग ऑफिसर के पास जा सकेगा। चुनाव आयोग ने कहा कि मतगणना वाले दिन कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाना जरूरी होगा। बता दें कि अभी हाल ही में केरल, तमिलनाडु, असम और केंद्र शाषित प्रदेश पुदुचेरी में विधानसभा का चुनाव संपन्न हुआ है। पश्चिम बंगाल में 8वें और अंतिम चरण की वोटिग बाकी है।
मद्रास हाईकोर्ट ने आयोग को लगाई थी फटकार
बता दें कि हाल ही में मद्रास हाईकोर्ट ने कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराते हुए तल्ख टिप्पणी की थी। मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी ने कहा था कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए केवल और केवल चुनाव आयोग जिम्मेदार है। चीफ जस्टिस ने ये भी कहा था कि निर्वाचन आयोग के अधिकारियों पर हत्या का आरोप लगना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आयोग ने राजनीतिक पार्टियों को रैलियों की इजाजत दी। वहां कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया।
मतगणना वाले दिन गाइडलाइन मानने का आदेश
मद्रास हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी की अध्यक्षता वाली दो जजों की बेंच ने कहा था कि चुनाव आयोग पूरी योजना पेश करे की मतगणना वाले दिन संबंधित केंद्रों में किस तरह कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। कोर्ट ने इसके लिए आय़ोग को 30 अप्रैल तक का वक्त दिया था। चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी ने कहा कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो मतगणना पर रोक भी लगाई जा सकती है।