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महागठबंधन में सबको खुश करने की कोशिश, राजद 144, कांग्रेस 70 और लेफ्ट को मिली 29 सीटें

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द फॉलोअप टीम
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो गया है। आरजेडी 144, कांग्रेस 70 और लेफ्ट 29 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। शनिवार की शाम इसका औपचारिक ऐलान हो गया है। राजद  को मिली 144 सीटों में जेएमएम और वीआईपी को भी एकोमोडेट करने की बात कही गई है। हालांकि वीआईपी के मुकेश सहनी पीसी छोड़कर अचानक निकल गए। कांग्रेस को एक लोकसभा वाल्मीकिनगर सीट दी गई है। सीपीआई - एमएल को 19, सीपीआई को 06 और सीपीएम को 04 सीटें हिस्से में आई हैं। महागठबंधन के नेताओं ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की। इसमें महागठबंधन के सभी दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई(माले), सीपीआई, सीपीएम और वीआईपी महागठबंधन का हिस्सा हैं। 
 
वैचारिक मदभेद के बावजूद बना मजबूत गठबंधन 
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के स्क्रीनिंग कमिटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे ने कहा कि कुछ वैचारिक मतभेद होते हुए भी एक मजबूत गठबंधन जिसमें आरजेडी, कांग्रेस, वीआईपी और लेफ्ट पार्टियां साथ आई हैं। 2015 में महागठबंधन को जनता का भरपूर समर्थन मिला, लेकिन दुर्भाग्यवश उस बहुमत का अपहरण कर लिया गया। नीतीश कुमार ने धोखा देकर बीजेपी के साथ सरकार बना ली। जनता उन्हें माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि महागठबंधन का नेतृत्व तेजस्वी यादव करेंगे।

तेजस्वी ने नीतीश पर तंज कसा
इस मौके पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर बिहार की जनता मौका देगी तो मैं उनके मान सम्मान की रक्षा करूंगा। हम ठेठ बिहारी हैं। जो वादा करते हैं वो पूरा करते हैं। उन्होंने कहा कि बता दें कि मेरा डीएनए भी शुद्ध है। बिहार की आज की सरकार ठहरा हुआ गंदा पानी है। हम लोग बहती हुई नदी का साफ और शुद्ध जल हैं।

कांग्रेस अधिक सीटों की मांग पर अड़ी थी
बता दें कि सीट बंटवारे पर महागठबंधन में सहमति नहीं बन पा रही थी। कांग्रेस अधिक सीटों की मांग पर अड़ी थी, जबकि आरजेडी उतनी सीटें देने को तैयार नहीं थी। सीट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान के बीच दोनों तरफ से बयानों के तीर भी छोड़े जाने लगे थे। कांग्रेस ने तेजस्वी के नेतृत्व पर सवाल किया था तो जवाब में आरजेडी की ओर से मोर्चा संभालते हुए प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कांग्रेस को भी चेतावनी दे दी थी। लेकिन अब सीटों के बंटवारे के साथ ही ये साफ हो गया है कि कांग्रेस की मांग को मान लिया गया है।

2015 से माहौल से सब कुछ अलग है
बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी 101, जेडीयू 101 और कांग्रेस 41 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। जेडीयू तब महागठबंधन का हिस्सा थी, लेकिन इस चुनाव में वो अपने पुराने साथी बीजेपी के साथ है और एनडीए का अहम हिस्सा है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही एनडीए  इस बार चुनाव लड़ रही है।

मुकेश सहनी ने कहा- मेरी पीठ में छुरा घोंपा गया 
महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर एलान के साथ ही वहां विद्रोह हो गया है। तेजस्वी यादव और अन्य सहयोगी दलों के साथ मंच साझा करते हुए मुकेश साहनी ने खुलेआम मोर्चा खोल दिया है। मुकेश साहनी ने महागठबंधन से अलग जाने का ऐलान कर दिया है। इससे पूर्व वे गुस्से पीसी छोड़कर निकल गए थे। वीआईपी को राजद कोटे की सीटों से एकोमोडेट करने की बात कही गई है।