द फॉलोअप टीम, धनबाद :
निजी अस्पतालों की लापरवाही की खबरें हमें अक्सर सुनने को मिलती हैं। शायद ही किसी अस्पताल का ऐसा कारनामा आपने सुना होगा। अस्पताल में इलाज के दौरान दो परिवारों के सदस्य की मौत हो जाती है। परिजन अस्पताल से शव लेकर जब अपने घर पहुंचते हैं तो उनके होश उड़ जाते हैं क्योंकि, जिनकी मौत हुई थी शव उनकी नहीं बल्कि किसी और की थी। मामला काफी चौंकाने वाला है।
जानें कहां घटी ऐसी घटना
ये अजीबो-गरीब घटना जिले के निरसा स्थित सिजुआ की है। यहां रहने वाले 49 वर्षीय चंपई सोरेन का इलाज दुर्गापुर के आईक्यू अस्पताल में चल रहा था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन ने शव को पूरी तरह से पैक के भेजने की तैयारी कर दी। शव को लेकर परिजन अपने आवास निरसा पहुंचे। जब अंतिम संस्कार के लिये शव को खोला गया तो लोगों के होश उड़ गए। लोगों के बीच कोहराम मच गया, क्योंकि शव चंपई सोरेन का नहीं, बल्कि किसी और का था।
जान लीजिये क्या है पूरा माजरा
परिजनों का कहना है कि उन लोगों ने अस्पताल में शव को देखना चाहा, लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों ने कोरोना का हवाला देकर शव देखने से मना कर दिया। एक तो मौत के बाद पहले से ही इन परिवारों की हालत ठीक नहीं थी। अब रही कसर अस्पताल ने निकाल दी। बता दें कि बंगाल स्थित दुर्गापुर के इच्छापुर के रहने वाले 78 वर्षीय परेश की मौत भी आक्यू अस्पताल में इलाज के दौरान हुई।
उसके परिजन शव को लेकर सीधे कोलकाता के त्रिवेणी घाट पहुंचे। अंतिम संस्कार करने के लिए यहां जब उसके सील शव को खोला गया तो लोगों के होश उड़ गए। शव परेश का नहीं, बल्कि किसी और का था। घटना से व्याकुल परिवार ने इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन को दी।