द फॉलोअप टीम, पटना:
बिहार की राजधानी पटना में एक 19 वर्षीय युवती की शादी 2 साल के लिए टल गई। शादी टलने का कारण संसद द्वारा पारित नया कानून है। कानून के मुताबिक अब भारत में लड़कियों की शादी की वैध आयु सीमा 21 वर्ष हो गई है। चूंकि युवती 19 साल की है इसलिए विवाह के लिए नाबालिग मानी जाएगी। अब 21 साल की आयु सीमा तक पहुंचने के लिए लड़की को 2 साल इंतजार करना होगा।
पटना के बजीतपुर का है मामला
मामला बिहार की राजधानी पटना के बजीतपुर का है। यहां रहने वाले संजीव पाठक नाम के व्यक्ति ने बताया कि उनके एक रिश्तेदार की 19 वर्षीय बेटी की शादी तय हो गई थी। शादी कुछ ही दिनों में होने वाली थी लेकिन, इसी बीच नया कानून आ गया। नया कानून लड़कियों की शादी के लिए न्यूनतम उम्र 21 वर्ष मानता है। इसलिए शादी को 2 साल के लिए टाल दिया गया।
संसद के दोनों सदनों से पास कानून
गौरतलब है कि 21 दिसंबर को केंद्रीय महिला एंव बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में बाल विवाह निषेध (संसोधन) विधेयक-2021 पेश किया। बिल दोनों सदनों से पास हो गया। इस बिल के मुताबिक लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष कर दी गई है। सरकार का मानना है कि स्वास्थ्य, प्रसूती, शिक्षा और करियर के लिहाज से लड़कियों के लिए ये जरूरी था। सरकार का मानना है कि 18 वर्ष में शादी होने से लड़कियों की शिक्षा रूक जाती है। कई बार उनको नौकरी से इस्तीफा देना पड़ता है।
विवाह के लिए देना होगा समान अधिकार
लोकसभा में बाल विवाह निषेध (संसोधन) विधेयक-2021 पेश करते समय स्मृति ईरानी ने कहा था कि हमें लड़के और लड़कियों को विवाह का समान अधिकार देने में 75 साल लगे हैं। ये काफी पहले हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि जब हम समानता की बात करते हैं तो फिर विवाह की उम्र सीमा में अंतर क्यों है। लड़कियों को भी समान न्यूनतम उम्र का हक मिलना चाहिए। गौरतलब है कि कई लोग इस कानून का विरोध भी कर रहे हैं। उनका मानना है कि लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष ही ठीक है।