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आध्यात्म और प्रकृति का अद्भुत मेल है केरल, कभी जाएं तो इन सात अनूठे मंदिरों का दर्शन ना भूलें

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द फॉलोअप टीम, डेस्क: 

केरल एक खूबसूरत राज्य है। यहां कई ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर हैं। केरल आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टिकोण से  बहुत खूबसूरत है। ये मंदिर पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं। केरल भगवान परशुराम जी द्वारा निर्मित दक्षिण भारत में मौजदू मालाबार तट का एक खूबसूरत राज्य है। केरल राज्य को देवताओं की भूमि के नाम से भी जाना जाता है। केरल में ऐसे कई भव्य मंदिर हैं जहां पर्यटकों की भीड़ जुटती है। आप भी कभी केरल जाएं तो इन मंदिर को अपने लिस्ट में जरूर शामिल करें।

सबरीमाला मंदिर
भगवान अयप्पा को समर्पित यह केरल के सभी मंदिरों में सबसे प्रसिद्ध है। ये मंदिर सबरीमाला पहाड़ी की चोटी और पेरियार टाइगर रिजर्व में स्थित है। सबरीमाला के तीर्थ यात्री नीले और काले रंग के कपड़े पहनते हैं। मकर सक्रांति के समय पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सबसे भीड़ देखी जाती है। सुबह 4:45 बजे से दोपहर 12 बजे और शाम 5:00 बजे से रात 8:15 बजे तक मंदिर खुलता है। सबरीमाला संस्था मंदिर हर साल लाखों भक्तों को आकर्षित करता है।    

                           

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर -
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित है। भगवान पद्मनाभ को समर्पित ये मंदिर जो कि भगवान विष्णु के अवतारों में से एक हैं, वैष्णव धर्म के अनुयायियों के लिए प्रमुख केंद्रों में से एक है। 108 दिव्य देसमों में से एक, पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इसका निर्माण 8 वीं शताब्दी में किया गया था। 

वडक्कुनाथन मंदिर त्रिशूर -
केरल का प्राचीन हिंदू मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया है और ऐसा कहा जाता है कि ये विष्णु के अवतार परशुराम द्वारा निर्मित पहला मंदिर था। 4:00 बजे से 11:00 बजे और 4:30 बजे से 8:20 बजे तक मंदिर खुलता है।

अट्टुकल भगवती मंदिर -
अटुकल भगवती मंदिर केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित बहुत ही आकर्षक मंदिर है। अट्टुकल भगवती मंदिर मां देवी भगवती को समर्पित मंदिर है। इसे महिलाओं की सबरीमाला के रूप में जाना जाता है। मंदिर अपने वार्षिक अट्टुकल पोंगल उत्सव के समय बड़ी संख्या में महिला भक्तों को आकर्षित करता है। 23 फरवरी साल 1997 को इस मंदिर में पोंगाला चढ़ाने के लिए आयोजित उत्सव में 37 लाख महिलाओं ने भाग लिया था। इस आयोजन को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था। 

भगवान शिव का ताली मंदिर
ताली मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और कोझीकोड के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि गर्भगृह को द्वापरयुग के अंत में श्री परशुराम द्वारा स्थापित किया गया था। इस मंदिर का निर्माण 14 वीं शताब्दी में ज़मोरिन द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर लेटराइट और लकड़ी के साथ पीतल की नक्काशी से बना हुआ है। इस मंदिर में दर्शन करने के समय सुबह 5 बजे से रात के 9 बजे के बीच है।


 
कावियूर महादेव मंदिर - 
कवियूर महादेवर मंदिर एक महत्वपूर्ण शिव मंदिर है और इसे थ्रिकावियूर महादेव मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर अपने हनुमान मंदिर के लिए भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर त्रेता युग का है, हालांकि, निर्माण का वास्तविक समय अभी भी एक रहस्य है। इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ, माता पार्वती और हनुमान जी की मूर्तियां स्थापित है। इस मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 3:30 बजे से सुबह 11 बजे तक है और शाम 5 बजे से रात के 8 बजे के बीच है।

                                      

 वैकोम महादेव मंदिर - 
वैकोम मंदिर शहर के केंद्र में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1594 में किया गया था। यह एक प्रांगण से भी घिरा हुआ है जो 8 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर में जो शिवलिंग स्थापित है वह त्रेता युग में स्थापित की गई थी। इस मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 4 बजे से सुबह 12 बजे तक है और शाम 5 बजे से रात के 8 बजे के बीच है।