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कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय को हाईकोर्ट से मिली राहत, थानेदार से मारपीट मामले में पीड़क कार्रवाई पर रोक 

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

महागामा से कांग्रेस की विधायक दीपिका पांडेय सिंह को झारखण्ड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। थानेदार से मारपीट मामले में दर्ज FIR  को निरस्त करने की मांग लेकर दायर याचिका पर झारखण्ड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद सरकार को विधायक पर किसी भी प्रकार की पीड़क कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है। द फॉलोअप से दीपिका ने कहा, मुझे तो न्यायलय पर पूरा भरोसा है। लेकिन जिस पुलिस अधिकारी ने मेरा साथ ये सबकुछ किया, उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई बल्कि उसका ताबाला सीएम के क्षेत्र में कर दिया गया है। पुलिस के वरीय अधिकारियों को भी ये समझना चाहिए।

सरकार को 4 सप्ताह के अंदर जवाब पेश करने का आदेश 
मामले की सुनवाई के बाद विधायक दीपिका पांडेय को राहत तो मिली ही साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को 4 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी 2022 निर्धारित की गई है।

 

अदालत में बताया गया कि आरोप गलत है 
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर अदालत को जानकारी दी गई कि थानेदार निलंबित हैं, उन्होंने जो आरोप लगाया है, वह गलत है। विधायक के या उनके समर्थकों द्वारा किसी भी प्रकार की कोई मारपीट नहीं की गई है। किसी भी प्रकार की कोई बातें नहीं की गई है। थानेदार ने मनगढ़ंत कहानी बनाकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। विधायक पर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं. अदालत से उन्होंने आग्रह किया कि उनके द्वारा दर्ज कराए गए एफआईआर को निरस्त कर दी जाए.

25 अप्रैल को दर्ज हुआ था मामला 
महागामा विधायक दीपिका सिंह पांडेय पर निलंबित पूर्व थानेदार कश्यप गौतम ने मेहरमा थाना में 25 अप्रैल को एफआईआर दर्ज कराई है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि विधायक और उनके पीए ने उनके साथ मारपीट की है। सरकारी कागजात फाड़ दिया. जान से मारने की धमकी भी दी। विधायक पर दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग को लेकर विधायक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई हुई।