द फॉलोअप टीम, रांची :
झारखण्ड के चाईबासा में नक्सलियों ने 4 मार्च को IED ब्लास्ट किया जिसमें झारखण्ड जगुआर के 3 जवान शहीद हो गए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और कहा नक्सलियों के नेक्सस को खत्म करेंगे। उधर झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा है कि झारखंड में नक्सली हिंसा में लगातार वृद्धि हो रही है। यह अच्छे संकेत नहीं हैं।
रघुबर दास ने कहा कि राजनीति अपनी जगह है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाना चाहिए। थोड़ी ही देर बाद बीजेपी विधायक भानु प्रताप ने मामला झारखण्ड विधानसभा में भी उठा दिया। भानु ने कहा कि पिछली सरकार की तुलना में इस सरकार में नक्सली घटनाएं बढ़ी हैं। समाचार यहीं खत्म नहीं होता बल्कि द फॉलोअप की पड़ताल यहीं से शुरू होती है। आज द फॉलोअप में हम आपको बताएंगे कि क्या सचमुच हेमंत सोरेन की सरकार में नक्सली घटनाएं बढ़ी हैं।
सबसे पहले हेमंत सोरेन सरकार के एक साल यानि साल 2020 के आंकड़ों पर नजर डालते हैं
गुमला के बाद चाईबासा में हुए IED ब्लास्ट के बाद यह सवाल उठने लगा कि सचमुच हेमंत सोरेन की सरकार में नक्सली घटनाएं ज्यादा बढ़ गयी हैं। दरअसल, 29 दिसंबर 2019 को हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उसके बाद 22 मार्च से देश में लॉक डाउन लग गया। अब धीरे-धीरे सबकुछ सुचारु रूप से चल रहा है लेकिन इस बीच नहीं थमा तो नक्सलियों का आतंक। झारखण्ड पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020 में 127 नक्सली घटनाएं घटी। इस दौरान 4 बार पुलिस पर हमला हुआ। 50 बार एनकाउंटर हुआ, एक पुलिस कर्मी की जान गई, 28 आम नागरिक मारे गए, 19 बार नक्सलियों ने आगजनी की, 6 बार नक्सलियों ने ब्लास्ट किया, 4 बार अटेम्प्ट टू मर्डर किया गया. हाल के दिनों में गुमला में IED ब्लास्ट हुआ। गुमला में हुए आईडी ब्लास्ट में 1 जवान शहीद हो गया। चाईबासा में भी ब्लास्ट हुआ जिसमें 3 जवान शहीद हो गए.
अब 2019 के आंकड़ों पर नजर डालिये
2019 रघुवर दास सरकार का आखिरी वर्ष था. वही मुख्यमंत्री रघुवर दास जो लगातार झारखण्ड से नक्सलियों के सफाये की बात करते रहे और उनके डीजीपी एक डेड लाइन भी देते रहे। झारखण्ड पुलिस के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2019 में 134 नक्सली घटनाएं राज्य में घटी। इस दौरान 4 बार पुलिस पर हमला हुआ, 38 बार पुलिस और नक्सलियों के बीच एनकाउंटर हुआ, 14 पुलिसकर्मियों की जान गई, 30 आम नागरिकों की जान गई, 30 बार नक्सलियों ने आगजनी की, 15 बार नक्सलियों ने ब्लास्ट किया, 11 बात अटेम्प्ट टू मर्डर किया गया।
2020 की तुलना में 2019 में ज्यादा नक्सली घटनाएं राज्य में घटी
झारखण्ड पुलिस के द्वारा जारी आंकड़ों पर गौर करें तो हेमंत सोरेन सरकार के एक वर्ष यानि 2020 की तुलना में रघुवर दास सरकार के आखिरी एक वर्ष यानि 2019 में ज्यादा नक्सली घटनाएं घटी है। पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के अनुसार 2019 में 134 नक्सली वारदात हुई। वहीं साल 2020 में नक्सलियों ने 127 वारदातों को अंजाम दिया।
2020 का साल कोरोना संक्रमण का रहा फिर भी घटी ज्यादा घटनाएं
झारखण्ड पुलिस मुख्यालय के तुलनात्मक रिपोर्ट के अनुसार भले ही 2019 की तुलना में 2020 में कम नक्सली घटनाएं घटी है लेकिन, 2020 के पूरे साल पर गौर करें तो पूरा साल कोरोना संक्रमण में ही बीत गया। 6 महीना से अधिक वक्त तक लोग घरों में ही दुबके रहे। आवागमन पूरी तरह ठप रहा फिर भी 127 नक्सली घटनाओं में कमी आना बड़ा सवाल खड़ा करता है। यही वजह है कि विपक्ष इस मसले पर सरकार को घेर रहा है।