द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड में सुरक्षाबल के जवानों ने उग्रवाद के खिलाफ बीते तीन दिन में बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस दरम्यान सुरक्षाबल के गुमला में 15 लाख और चाईबासा में 10 लाख के इनामी नक्सली को मार गिराया है। डीजीपी ने ऑपरेशन में शामिल अधिकारियों और जवानों को सम्मानित किया है। डीजीपी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि गुमला औऱ खूंटी में एनकाउंटर पुलिस की सूझबूझ औऱ रणनीति का बेहतरीन नमूना है। ये बड़ी कामयाबी कही जा सकती है।
सुरक्षाबलों को तीन दिन में मिली 2 बड़ी सफलता
गौरतलब है कि झारखंड में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी औऱ पीएलएफआई के खिलाफ पुलिस ने बीते तीन दिन में दो बड़ी सफलता हासिल की है। डीजीपी नीरज सिन्हा ने कहा कि गुमला और खूंटी में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली। गुमला में हालांकि पुलिस को शुरुआती दौर में नुकसान उठाना पड़ा लेकिन पुलिस ने हार मानने की बजाय नए सिरे से उनका मुकाबला किया। डीजीपी ने कहा कि नक्सलियों की संख्या में थोड़ी कमी आई है लेकिन तकनीक और आधुनिक हथियार अभी भी हमारे लिए चुनौती हैं। इसके दम पर वे पुलिस पर हावी होने की कोशिश करते हैं।
झारखंड में नक्सलियों को हावी नहीं होने देंगे!
डीजीपी नीरज सिन्हा ने कहा कि पुलिस नक्सलियों को प्रदेश में हावी नहीं होने देगी। कुछ नक्सली संगठन अफीम की खेती कर फंड इकट्ठा करना चाहते हैं जो होने नहीं दिया जाएगा। बता दें कि सुरक्षाबलों ने 15 जुलाई को नक्सल प्रभावित कुरुमगढ़ जंगल में भाकपा माओवादी के रीजनल कमांडर बुद्धेश्वर को मार गिराया था। बुद्धेश्वर पर 15 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस ने 16 जुलाई को खूंटी-चाइबासा जिले के सीमावर्ती इलाके में शनीचर सुरीन को मार गिराया था। शनीचर पीएलएफआई का मेंबर था। उस पर 10 लाख रुपये का इनाम था। डीजीपी ने इन मुठभेड़ में शामिल जवानों को सम्मानित किया।
मारे गए उग्रवादियों के पास से मिला हथियार
मिली जानकरी के मुताबिक 15 लाख का इनामी नक्सली बुद्धेश्वर भाकपा माओवादी के रीजनल कमिटी के साथ-साथ कोयल शंख जोन का सचिव था। उसके खिलाफ गुमला, लोहरदगा, लातेहार, सिमडेगदा और गढ़वा जिले में 109 मामले दर्ज थे। वहीं पीएलएफआई उग्रवादी शनीचर सुरीन उर्फ चरका मूल रूप से गुमला जिला के कामडारा थाना क्षेत्र अंतर्गत गुंडीकेरा गांव का रहने वाला था। पुलिस ने इन उग्रवादियों के पास से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किया।