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झारखंड राज्य स्थापना दिवस समारोह : राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने क्या कहा, किन्हें मिली क्या सौग़ात-जानिये पूरी जानकारी

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-मुख्यमंत्री ने उच्च विद्यालयों में नवनियुक्त 680 शिक्षकों को सौंपा नियुक्ति पत्र 
-सार्वभौमिक पेंशन योजना और सहाय योजना का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ 
-पद्मश्री से अलंकृत मधु मंसूरी हंसमुख, शशधर आचार्या, छुटनी देवी और बिरसा मुंडा के वंशज सुखराम मुंडा व कान्हू मुंडा सम्मानित 
- राज्यपाल बोले, देश के समग्र विकास में झारखंड जैसे राज्य की भूमिका काफी अहम है 

- मुख्यमंत्री ने कहा, सरकार में लोगों को हिस्सेदार बना कर विकास को नया आयाम दिया जा रहा 

द फॉलोअप टीम, रांची:

भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और राज्य स्थापना दिवस पर आयाेजित मुख्य समारोह में  राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि राज्य ने 21 वर्ष में विकास के कई नए आयाम गढ़े हैं। देश के समग्र विकास में झारखंड जैसे राज्य की भूमिका काफी अहम है। राज्यपाल ने कहा कि केंद्र और राज्य संपोषित योजनाओं का सफल कार्यान्वयन तभी संभव हो सकता है , जब सरकार के पदाधिकारी और जन सहयोग की आपसी कड़ी मिलकर आगे बढ़े। राज्य के समग्र विकास के लिए सरकार प्रयत्नशील है । राष्ट्रीय अंतिम व्यक्ति तक सरकारी सुविधाएं पहुंचे, इस दिशा में सरकार काम कर रही है। इसके अलावा औद्योगिक निवेश को बढ़ाने तथा पलायन और बेरोजगारी को दूर करने की दिशा में भी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। आज 680 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिलना इसी का परिचायक है।

झारखंड राज्य संघर्ष की उपज है 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए ऐतिहासिक और गौरवान्वित करने वाला है। लेकिन, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि झारखंड राज्य एक आंदोलन की उपज है। यहां के आदिवासियों मूलवासियों ने इसके लिए लंबे समय तक संघर्ष किया। कई ने अपनी शहादत दी। आज हम झारखंड के इन वीर सपूतों और शहादत देने वालों को याद करने के साथ उनके सपनों का झारखंड बनाने का संकल्प लें।

 

वीरों की धरती है झारखंड 

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड वीरों की धरती रही है। राज्य के हर कोने से वीर निकले हैं, जो समाज और देश के लिए शहीद हो गए। इतना ही नहीं झारखंड की धरती पर समय-समय पर ऐसी विभूतियों ने जन्म लिया है,  जिन्होंने अपनी दूरदर्शिता से समाज और देश को एक नई दिशा दी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर साल के 365 दिनों की बात करें तो इनमें से आधा वर्ष हम इन वीर सपूतों की जयंती और शहादत दिवस मनाते हैं। समारोह में मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री जगरनाथ महतो, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सांसद विजय हांसदा,  मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव /प्रधान सचिव/ सचिव एवं अन्य पदाधिकारी समेत कई गणमान्य  उपस्थित थे। 

धरती आबा संघर्ष और संकल्प का प्रतीक है 

भगवान बिरसा मुंडा एक ऐसे वीर सपूत हैं , जिन्हें पूरी दुनिया धरती आबा के नाम से जानती है। धरती आबा का का निहितार्थ हम सभी को समझने की जरूरत है। धरतीआबा  एक ऐसा संघर्ष और संकल्प है, जिन्होंने जल , जंगल, जमीन, संस्कृति परंपरा तथा सभ्यता और देश की खातिर सहज ही अपनी शहादत दे दी। इस महान विभूति की जयंती को इस वर्ष से हम जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मना रहे हैं। लेकिन, थोड़ा अफसोस इस बात का है कि इसके लिए हमें डेढ़ सौ सालों का इंतजार करना पड़ा।

 

 

जनजातीय समुदाय को सशक्त बनाने का हो रहा काम 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय समाज विकास के मामले में थोड़ा पीछे हैं। लेकिन, समय के साथ उनका संघर्ष जारी है। सरकार उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में प्रयास कर रही है। इसी का नतीजा है कि अब यह समुदाय सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से मजबूत हो रहा है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज में किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं है,  लेकिन कुछ कतिपय कारण या व्यवस्थाएं हैं जो इसे विभाजित करने की कोशिश करती है । इनसे हमें हर हाल में सतर्क रहने की जरूरत है।

 20 सालों में आशा अनुरूप नहीं हो सका विकास 

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के अलग राज्य बने 21 साल हो गए हैं । लेकिन राज्य का जो अपेक्षित विकास होना चाहिए था, वह  नहीं हो सका। खनिज और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर इस राज्य की भावनाओं को समझने की कोशिश नहीं की गई । अगर शुरू से इस दिशा में गंभीरता से पहल होती तो झारखंड निश्चित तौर पर देश के अव्वल और विकसित राज्यों में होता । लेकिन,  अब सरकार में लोगों को हिस्सेदार बना कर विकास को नया आयाम दिया जा रहा है । राज्य में ज्यादा से ज्यादा नौजवानों को रोजगार मिले , इसके लिए सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई है।

 

 राज्यवासियों की भावनाओं के अनुरूप बनाई जा रही कार्य योजना 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को विकास के पथ पर आगे ले जाने की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है । इस कड़ी में राज्यवासियों की भावनाओं के अनुरूप कार्य योजना बनाई जा रही है । कई नई योजनाएं शुरू की गई है । यह तो एक शुरुआत है ।आने वाले दिनों में इसमें कड़ी दर कड़ी जुड़ती जाएंगी । समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की कल्याणकारी योजनाएं पहुंचे , इसमें समाज के हर तबके और वर्ग को अहम भूमिका निभानी होगी । इससे निश्चित तौर पर राज्य का चेहरा बदलने में हम कामयाब होंगे ।

समारोह की खास झलकियां

-सोना -सोबरन धोती साड़ी योजना के सभी लाभुकों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम से जोड़ने की हुई शुरुआत 

-जनजातीय  भाषा की 45  बाल चित्र पुस्तकों एवं गद्य पद्य तथा व्याकरण की पुस्तकों का हुआ लोकार्पण, इन पुस्तकों के लेखक और अनुवादक को किया गया सम्मानित। मुख्यमंत्री ने जनजातीय भाषाओं के इन लेखकों को एक  एक लाख रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में देने की घोषणा की। 
 -आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम की मॉनिटरिंग से संबंधित एप्प का हुआ लोकार्पण। 

-फूलों झानो आशीर्वाद योजना के दूसरे चरण का हुआ शुभारंभ, नवजीवन सखी दीदियों का सम्मान तथा वेब पोर्टल  तथा ऑनलाइन डैशबोर्ड का शुभारम्भ 

-500 लैम्प्स, पैक्स और व्यापार मंडल को  क्रियाशील पूंजी के रूप में दिए गए दो- दो लाख रुपए 

-डिजास्टर रिकवरी ऑन क्लाउड फ़ॉर झारखंड स्टेट डाटा सेंटर परियोजना की हुई शुरुआत 

-झारखंड के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकार और पद्मश्री से सम्मानित श्री मुकुंद नायक को किया गया सम्मानित 
 
-"सरहुल" पत्रिका का हुआ विमोचन, इस पत्रिका का मुद्रण और प्रिंटिंग बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार, होटवार, रांची में हुआ है।