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झारखंड किसान सभा की ओर से 18 मार्च को विधानसभा के समक्ष होगा प्रदर्शन

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द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड राज्य किसान सभा ने निर्णय लिया है कि कृषि कानून की वापसी तक किसान आंदोलन जारी रहेगा। 11 वें दौर की वार्ता के बाद सरकार के डेढ़ साल कानून को स्थगित करने के प्रस्ताव को किसानों ने खारिज कर दिया है। कानून के वापसी से कम पर कोई भी समझौता किसान स्वीकार नहीं करेंगे। विश्वकर्मा मंदिर स्थित सभा के राज्य कार्यालय में रविवार को हुई बैठक में कई निर्णय लिए गए ताकि किसान आंदोलन को और तेज किया जा सके। बैठक की अध्यक्षता प्रफुल्ल लिंडा ने की।

बैठक में किसान आंदोलन तेज करने का निर्णय 
किसान सभा के संयुक्त सचिव नंदकिशोर शुक्ला ने कहा बैठक में मार्च-अप्रेल में राज्य के प्रखंडों, जिलों में किसान महापंचायत करने, 17 ‌म‌ई को राज्य स्तरीय किसान महापंचायत मोरहाबादी मैदान में करने और 18 मार्च को झारखंड विधानसभा के समक्ष कृषि कानून, भूमि बैंक, मास्टर प्लान के खिलाफ प्रदर्शन का निर्णय लिया गया।

15 मार्च को निजीकरण का विरोध किया जाएगा
बैठक में 8 मार्च को किसान महिला दिवस एवं 15 मार्च को निजीकरण विरोधी प्रदर्शन के अलावा 23 मार्च को भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु के शहादत दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। बैठक में महासचिव सुरजीत सिन्हा, उपाध्यक्ष सुफल महतो, प्रफुल्ल लिंडा, कोषाध्यक्ष बिरेंद्र कुमार, संयुक्त सचिव  श्यामसुंदर महतो, विश्व देव सिंह मुंडा, मधुवा कच्छप,मोहन उरांव  उपस्थित थे।