द फॉलोअप टीम, गिरिडीह:
गिरिडीह पुलिस को नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में बड़ी कामयाबी मिली। भाकपा माओवादी के सब जोनल कमांडर और पांच लाख के इनामी नक्सली नुनुचंद महतो उर्फ नुनुलाल उर्फ टाइगर ने आत्मसर्मपण कर दिया। पुलिस अधीक्षक अमित रेनु ने इसकी जानकारी दी। बताया जाता है कि बीते कुछ वर्षों में नुनुचंद ने गिरिडीह, बोकारो और धनबाद में आतंक मचाया हुआ था।
कम्युनिटी पुलिसिंग से मिली कामयाबी
पुलिस अधीक्षक अमित रेनु ने बताया कि सीआरपीएफ के सहयोग से जिला पुलिस द्वारा पारसनाथ इलाके में नक्सली विरोधी अभियान और कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत किए जा रहे कार्यों से प्रभावित होकर भाकपा माओवादी संगठन के इतने बड़े नक्सली ने आत्मसमर्पण किया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नुनुचंद पीरटांड़ प्रखंड अंतर्गत बरहागढ़ी का रहने वाला है। उन्होंने बताया कि नुनुचंद वर्ष 2008 में गोविंद मांझी के कहने पर अजय महतो के द्वारा भाकपा में शामिल किया गया था। वर्ष 2012-13 में इसे पारसनाथ क्षेत्र का सब जोनल कमांडर बना दिया गया।
नक्सली नुनुचंद के खिलाफ कई केस दर्ज
पुलिस अधीक्षक अमित रेनु ने बताया कि नुनुचंद के विरुद्ध गिरिडीह जिला में कुल 59 कांड दर्ज है। जबकि धनबाद जिला में कुल 9 कांड और बोकारो जिला में चार कांड दर्ज हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पीरटांड़ थाना क्षेत्र अंतर्गत पूर्णानगर पांडेडीह के बीच बम लगा कर एसआईएस सिक्योरिटी की गाड़ी उड़ाने में उनका नाम दर्ज है जिसमें 5 जवानों की मौत हो गई थी। नुनुचंद के विरूद्ध साईं वर्धन की रिसर्च करने वाली टीम के तीन व्यक्तियों के अपहरण का मामला भी दर्ज है। नक्सल विरोधी अभियान में लगे सीआरपीएफ के जवान घायल हुए थे। उसमें भी नुनुचंद का नाम शामिल है। खुखरा पंचायत अंतर्गत पंचायत भवन को उडा़ने में भी नुनुचंद शामिल था।
एसपी ने नुनुचंद को सौंपा पांच लाख का चेक
भाकपा माओवादी के सब जोनल कमांडर नुनुचंद ने बताया कि उसने कम्युनिटी पुलिसिंग से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण के बाद पुलिस अधीक्षक ने नुनुचंद का गुलदस्ता और पांच लाख रूपये का चेक भेंट किया। पुलिस के आला अधिकारियों ने उसका मुख्यधारा में स्वागत किया।