द फॉलोअप टीम, रांची:
कृषि काले कानून के विरोध में देश के किसानों के क्रमिक आंदोलन के आज छह महीने पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर देश में काला दिवस मनाया गया।झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इसका व्यापक समर्थन दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव के आह्वान पर राजधानी रांची सहित पूरे राज्य के कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं,जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व विधायकों, मंत्रियों एवं पदाधिकारियों ने अपने अपने घरों में काले झंडे लगाए, काला बिल्ला लगाकर कृषि काले कानून का विरोध किया एवं केंद्र सरकार पर कानून वापस लिए जाने की मांग की।
काली पट्टी लगाकर जताया विरोध
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उराँव के बरियातू स्थित आवासीय कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे,डा राजेश गुप्ता छोटू ने काला बिल्ला लगाकर कृषि काले कानून का विरोध किया ।पत्रकारों से बात करते हुए डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों के हितों को नजरअंदाज किया गया। कानून लाने के पहले ना तो किसानों से ना उनके संगठनों से बात की गई, उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए वेयरहाउस बनवाए गए हैं और उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए काला कानून लाया गया। लोकसभा में बहुमत होने के दौरान उन्होंने जरूर वहां से कानून पास किया लेकिन राज्यसभा में विरोध के बावजूद इन्होंने इस काले कानून को पास किया है। देश की जनता व देश के अन्नदाता इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट की भी मोदी सरकार ने अवहेलना की
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा यह काफी सदमे की बात है कि सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद भी केंद्र सरकार ने इस काले कानून को वापस नहीं लिया। 200 किसानों की शहादत हो चुकी है, बिना राज्यों की सहमति के लोकसभा व राज्यसभा से पास कराया गया जबकि सच यह है कि देश के ज्यादातर प्रदेशों में भाजपा की सरकार रहने के बावजूद राज्यों से कोई सहमति नहीं लिए गए ।देश के अन्नदाता और कांग्रेस पार्टी इस काले कानून का विरोध करते रहेंगे। किसानों ने पिछले 6 महीने से अपना आक्रोश दिखा दिया है, हम एक बार फिर केंद्र की सरकार से मांग करते हैं कि यह काला कानून वापस लें और किसानों के लिए पहले की तरह से जो नियम थे उसे बरकरार रखा जाए। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दूबे व डा राजेश गुप्ता ने कहा कि कृषि काले कानून का पूरे राज्य में विरोध किया गया एवं किसानों को समर्थन देने का काम किया।