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जामताड़ा के सभी 118 पंचायतों में बना सामुदायिक पुस्तकालय, DC की पहल पर कोचिंग की भी सुविधा

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द फॉलोअप टीम, जामताड़ा: 

झारखंड के जामताड़ा जिले में शिक्षा के क्षेत्र में अनोखी और सकारात्मक पहल की गई है। जामताड़ा झारखंड का एकमात्र ऐसा जिला बन गया है जिसके सभी 118 पंचायतों में पुस्तकालय की स्थापना की गई है। दिलचस्प है कि इन पंचायतों में वर्षो से अनुपयोगी समझी गई जीर्ण-शीर्ण पंचायत अथवा स्कूल भवनों को मरम्मति के बाद पुस्तकालय में तब्दील कर दिया गया है। ये सभी सामुदायिक पुस्तकालय हैं जहां कोई जाकर किताबें पढ़ सकता है। 

सभी 118 पंचायतों में पुस्तकालय की स्थापना
गौरतलब है कि जामताड़ा के उपायुक्त फैज अहमद मुमताज ने ग्रामीण इलाकों में सामुदायिक पुस्तकालय की स्थापना की पहल की थी। उन्होंने कहा कि आखिरकार हमने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया। 118 पंचायतों में पुस्तकालय की स्थापना की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि हम सभी पुस्तकालयों में अच्छी तरह से किताबों का संकलन करने में भी कामयाब रहे हैं। उपायुक्त ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में पुस्तकाल की स्थापना से कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाले बच्चों को काफी लाभ होगा। उनको जरूरी किताबों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। वे अच्छी शिक्षा ले सकेंगे। 

जनता दरबार के समय मिला था आइडिया
जामताड़ा के उपायुक्त ने बताया कि उनके दिमाग में ये आइडिया उस वक्त कौंधा जब जिले के चेंगडीह पंचायत में जनता दरबार के दौरान एक ग्रामीण युवक ने सुविधाओं की कमी की तरफ उनका ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा था कि यदि ग्रामीण इलाके में पुस्तकालय की सुविधा हो तो उन जैसे युवाओं के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है। युवक ने बताया था कि उनके जैसे आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के पास प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आस-पास के शहरों में जाने या रहकर पढ़ाई करने का साधन नहीं है। उसी वक्त उपायुक्त ने सोचा था कि क्यों ने पुरानी जीर्ण-शीर्ण पड़ी इमारतों का इस्तेमाल पुस्तकालय बनाने में किया जाए। तभी से इस दिशा में काम शुरू हो गया था। उपायुक्त ने कहा कि पहला पुस्तकालय चेंगडीह पंचायत में 13 नवंबर 2020 को स्थापित किया गया था। 

लड़कियों के लिए वरदान बना पुस्तकालय
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जामताड़ा जिले में स्थापित ये पुस्तकालय ना केवल ग्रामीण इलाके में लोगों को अच्छी किताबें और अध्ययन के लिए स्थान उपलब्ध करवा रहे हैं बल्कि ये पुस्तकालय झारखंड के सबसे पिछड़ा जिलों में से एक जामताड़ा में लड़कियों की शिक्षा की दिशा में भी वरदान साबित हो रहे हैं। यहां लड़कियों को अपने घर में ही पढ़ाई के लिए अच्छी किताबें और सुरक्षित वातावरण मिल रहा है। सामुदायिक पुस्तकालय की स्थापना को लेकर लड़कियों का कहना है कि पहले वो करियर बनाने के बारे में नहीं सोचती थीं क्योंकि उनको बाहर जाकर पढ़ने की अनुमति नहीं थी। 

प्रत्येक पुस्तकालय को 1 शिक्षक ने गोद लिया
जानने वाली दिलचस्प बात ये है कि उपायुक्त के अनुरोध पर प्रत्येक पुस्तकालय को एक शिक्षक ने गोद ले लिया है। अधिक से अधिक छात्रों को सरकारी नौकरियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए पुलिस विभाग के अधिकारी प्रत्येक रविवार को छात्रों के लिए मुफ्त कोचिंग क्लास भी संचालित करती हैं। सिविल प्रशासन बुधवार को क्लास चलाता है। उपायुक्त फैज अहमद ने कहा कि इन पुस्तकालयों में क्राउड फंडिंग और कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फंड के तहत किताबें, कुर्सियां, मेज सहित अन्य सुविधाओं के लिए राशि जुटाई गई थी। प्रत्येक पुस्तकालय के लिए एक समिति का गठन किया गया है जो इनके प्रबंधन का काम देखती है और निगरानी करती है। उपायुक्त ने कहा कि पुस्तकालय का निर्माण दो उद्देश्यों को पूरा करता है। पहला तो ये कि जीर्ण-शीर्ण इमारतों को नवीनीकरण के बाद दोबारा उपयोग में लाया जा रहा है। वहीं ग्रामीणों के बीच सामुदायिक भावना का विकास हो रहा है। 

प्रत्येक पुस्तकालय के लिए समिति का गठन
जिले के उपायुक्त ने इन पुस्तकालयों को लेकर कहा कि ग्रामीण युवाओं को पढ़ाई की बेहतर जगह उपलब्ध करवाने के लिए अलावा ये पुस्तकालय गरीब और वंचित तबके के छात्रों के लिए कोचिंग सेंटर का भी काम कर रहे हैं। वहां छात्रों को विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए उचित और बेहतर मार्गदर्शन मिल रहा है। इस बारे में जियाजोरी पंचायत के पुस्तकालय अध्यक्ष ने कहा कि उनके यहां एसएससी, सेना, अर्धसैनिक बल, रेलवे सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए नियमित कक्षाओं का संचालन भी किया जा रहा है। छात्र लाभान्वित हो रहे हैं।