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ऑटो के टक्कर से ही हुई थी जज उत्तम आनंद की मौत, मोटिव और षड्यंत्र को लेकर जांच जारी- CBI

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

धनबाद कोर्ट के एडीजे उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को रिपोर्ट पेश की। सीबीआई ने बताया कि जज उत्तम आनंद की मौत ऑटो के धक्के से ही हुई। षड्यंत्र और मोटिव की जानकारी इस रिपोर्ट में नहीं है। सीबीआई ने कहा कि फिलहाल उसकी जांच हो रही है। 

 

आरोपियों को पर्याप्त सुरक्षा देने का निर्देश
गौरतलब है कि मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों आरोपियों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करवाने का निर्देश दिया है। कोर्ट को आशंका है यदि ये कोई बड़ा षड्यंत्र है तो आरोपियों पर हमला हो सकता है। अदालत ने कहा कि आरोपियों को हवाई जहाज से ही लाया या ले जाया जाये। जानकारी मिली है कि मामले की अगली सुनवाई अब 3 सितंबर को होगी। 

रांची में एफएसएल को लेकर लगाई फटकार
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान गृह सचिव और एफएसएल के निदेशक भी कोर्ट में उपस्थित थे। कोर्ट ने उनसे कहा कि राज्य में जब एक ही एफएसएल लैब है तो इसमें जरूरी जांच की तमाम सुविधाएं क्यों नहीं है। कोर्ट ने कहा कि इसमें सभी जरूरी सुविधा होनी चाहिए। अदालत ने निदेशक से ये भी पूछा कि लैब में कुल कितने पद रिक्त हैं। क्या वहां किसी नई जांच की सुविधा की जरूरत है। बताया जा रहा है कि मामले की अगली सुनवाई में भी दोनों कोर्ट में हाजिर होंगे। 

3 सितंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई
बता दें कि इससे पहले जज की संदिग्ध मौत मामले में 19 अगस्त को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने तब कहा था कि रांची में एफएसएल में जांच की सुविधा का ना होना दुर्भाग्यपूर्ण है। कोर्ट ने सीबीआई की ओऱ से पेश रिपोर्ट पर टिप्पणी की थी। कोर्ट ने ये भी कहा था कि सीबीआई को टक्कर वाली जगह की जांच रिपोर्ट भी पेश करना चाहिए ताकि पता चल सके कि मौत टक्कर से हुई है या नहीं। क्या किसी ने उनको जानबूझकर मारा है। फुटेज से ऐसा लगता है कि पहले किसी ने मारा है। 

 

28 जुलाई को जज उत्तम आनंद को मारी थी टक्कर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि धनबाद सिविल कोर्ट के एडीजे उत्तम आनंद को 28 जुलाई की सुबह रणधीर वर्मा चौक के पास ऑटो ने टक्कर मारी। 29 जुलाई को गिरिडीह और धनबाद से 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। मामला हाईकोर्ट में पहुंचा। यहां एडीजे रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया। 30 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी और सीएस से मामले की रिपोर्ट मांगी। दिवंगत जज के परिजनों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। 31 जुलाई को हेमंत सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा की। अब सीबीआई जांच कर रही है।