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जज उत्तम आनंद संदिग्ध मौत मामले में CBI जांच शुरू, स्पेशल क्राइम ब्रांच की टीम ने दर्ज की प्राथमिकी

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द फॉलोअप टीम, धनबाद: 


धनबाद में सिविल कोर्ट जज उत्तम आनंद संदिग्ध मौत मामले की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है। झारखंड सरकार की अनुशंसा औ हाईकोर्ट के निर्देश क बाद दिल्ली सीबीआई की की स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 ने मंगलवार को मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमकी का आधार 28 जुलाई को एडीजे की पत्नी कृति सिन्हा द्वारा दिया गया बयान है जिसके आधार पर धनबाद सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने हत्या के की धारा में अज्ञात ऑटो चालक को ही अभियुक्त बनाया है। 

अज्ञात ऑटो चालक के खिलाफ प्राथमिकी
मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने भी अपनी प्राथमिकी में ऑटो चालक को अज्ञात मानकर हत्या की धारा-302 के तहत मामला दर्ज किया है। इस हाई-प्रोफाइल केस की जांच के लिए एसएसपी विजय कुमार शुक्ला को अनुसंधानकर्ता बनाया गया है। शुक्ला की निगरानी में 20 सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी बनाई गई है जो देर रात धनबाद पहुंची। टीम के मदद के लिए सीबीआई दिल्ली के ब्लॉक-4 सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सेंट्रल फॉरेसिग साइंस लैबोरेट्री की एक विशेष टीम भी गुरुवार को धनबाद पहुंची। सीएफएसएल टीम में बायोलॉजी, डीएनए प्रोफाइलिंग, फिंगर प्रिंट्स, फॉरेंसिक साइकोलॉजी औऱ सेरोलॉजी विंग के एक्सपर्ट्स शामिल हैं। 

सीबीआई अभी तक की जांच की जानकरी लेगी
गौरतलब है कि सीबीआई धनबाद पहुंचकर जज मौत प्रकरण के आईओ धनबाद सदर इंस्पेक्टर से अभी तक की जांच की जानकारी लेगी। एफआईआर व केस डायरी की प्रतियां हासिल करेंगी। एडीजी संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व मेंगठित एसआईटी से अब तक की जांच की जानकारी ले सकती है। इस दौरान पुलिस और एसआईटी द्वारा संकलित साक्ष्यों को भी सीबीआई हासिल कर सकती है। पुलिस ने अभी तक पांच हजार से अधिक पन्नों में जांच रिपोर्ट तैयार की है। ये भी सीबीआई को सौंपी जा सकती है। 

जानिए! कैसे ऑटो ने मारी थी जज उत्तम आनंद को टक्कर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एडीजे उत्तम आनंद को एक ऑटो ने उस वक्त टक्कर मार दी थी जब वो मॉर्निंग वॉक के लिए गए थे। ऑटो ने उनको रणधीर वर्मा चौक के पास टक्कर मारी। टक्कर मारने के लिए ऑटो ने रास्ता बदला, ये सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट दिख रहा है। गौरतलब है कि मामले में दो अभियुक्तों राहुल औऱ लखन वर्मा का नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट की भी मंजूरी मिल चुकी है। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने धनबाद पुलिस को इसकी मंजूरी दी।