द फॉलोअप टीम, लातेहार:
लातेहार जिला के गारू प्रखंड स्थित गनइखाड़ गांव में झारखंड जगुआर के जवानों एक ग्रामीण युवक के मारे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मामले में भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा झारखंड प्रदेश द्वारा एक प्रेस कांफ्रेंस किया गया। जानकारी दी गई है कि मामले की जांच के लिए मोर्चा ने जांच दल का गठन किया था। जांच दल के सदस्यों ने 19 मार्च को गांव का दौरा किया।
बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा का जांच दल
मिली जानकारी के मुताबिक इस जांच दल में भारतीय जनता पार्टी अनुसूचिज जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष शिवशंकर उरांव, मोर्चा के प्रदेश प्रभारी रामकुमार पाहन, महामंत्री बिंदेश्वर उरांव, महामंत्री विजय कुमार मेलगड़ी, उपाध्यक्ष गीता बालमुचू, अंजल लकड़ा और रवि मुंडा शामिल थे। टीम के साथ भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव भी मौजूद थे।
फर्जी मुठभेड़ में हुई थी ब्रह्मदेव सिंह की हत्या
प्रेस कांफ्रेंस में बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के सदस्यों ने जानकारी दी कि ये नक्सली मुठभेड़ की घटना नहीं थी बल्कि फर्जी मुठभेड़ का मामला है। पुलिस ने जानबूझकर ग्रामीण युवक की गोली मारकर हत्या कर दी। बताया कि सरहुल त्यौहार के मौके पर युवक पंरपरा के मुताबिक जंगल में शिकार खेलने जा रहे थे। पुलिस ने जब इनको रोका तो इन्होंने हाथ उठाकर कहा कि वे नक्सली नहीं हैं बल्कि ग्रामीण हैं। बावजूद इसके पुलिस के जवानों ने गोली चलाई। युवक ब्रह्मदेव सिंह को एक गोली जांघ में लगी और दूसरी कमर में जिससे वो गिर गया।
जंगल में ले जाकर युवक को मारी गई थी गोली!
बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा का कहना है कि गोली लगने के बाद भी ब्रह्मदेव सिंह जीवित था। सुरक्षाबल के जवान उसे टांग कर नदी पार कर जंगल में ले गए। वहां कनपटी में बंदूक सटाकर तीन गोलियां मारी। कहा कि मृतक की पत्नी और मां सहित गांव के कुछ लोगों ने ये पूरा घटनाक्रम देखा। उन्होंने नजदीक जाने की कोशिश की तो उनको डरा-धमकाकर भगा दिया।
लीपा-पोती में लगा है स्थानीय जिला प्रशासन
मोर्चा का कहना है कि फर्जी मुठभेड़ में एक निर्दोष ग्रामीण की हत्या कर दी गई वहीं झारखंड सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन सहित पूरा पुलिस महकमा मामले की लीपा-पोती में लगा है। दोषियों पर कार्रवाई के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने मांग की है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। झारखंड जगुआर के दोषी जवानों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। मृतक ब्रह्मदेव सिंह के आश्रितों को 20 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। दिवंगत ब्रह्मदेव सिंह की पत्नी जीरामणि देवी को सरकारी नौकरी दी जाये क्योंकि उसके 1 वर्षीय बेटे के पालन-पोषण की पूरी जिम्मेदारी उसकी है। मोर्चा ने ये भी आरोप लगाया कि पीड़ित परिवार को प्रशासन द्वारा धमकाया जा रहा है। मामले में प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।