द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड विधानसभा का बजट सत्र जारी है। 22 मार्च यानी सोमवार को विधानसभा का सत्र हंगामेदार रहने की पूरी संभावना है। सोमवार को सदन में हेमंत सरकार केंद्र सरकार द्वारा लाये गए तीन नए कृषि कानून और मंहगाई पर चर्चा करने वाली है। भारतीय जनता पार्टी इसका विरोध करेगी। इस बात की संभावना है कि भारतीय जनता पार्टी के तमाम विधायक सदन का बहिष्कार करें। बीजेपी के विधायक चर्चा का बायकॉट भी कर सकते हैं। इसी मसले को लेकर रविवार को बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार जो करना चाहती है उसका कोई तुक नहीं बनता।
बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कांफ्रेंस में रखी अपनी बात
रविवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सोमवार को सदन में केंद्र सरकार द्वारा लाये गए तीन नये कृषि कानून पर चर्चा होगी। सरकार महंगाई पर भी चर्चा कराना चाहती है लेकिन हम जानना चाहते हैं कि इसका तुक क्या है। तीनों कृषि कानून संसद से पास हो चुका है। राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही सदनों से कानून पास किया जा चुका है। तब विधानसभा में इस पर चर्चा कराने का कोई मतलब नहीं है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार का ये सारा हथकंडा केवल और केवल प्रदेश के असल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिये है। सरकार असल मुद्दों से भागती है। विपक्ष को बोलने ही नहीं दिया जाता। सदन में सवालों का जवाब नहीं मिलता।
कृषि कानून पर विधानसभा में चर्चा असंवैधानिक!
प्रेस कांफ्रेंस में बाबूलाल मरांडी ने कहा कि कांग्रेस जानती है कि वो इस देश सत्ता में कभी वापसी नहीं कर सकती। इस हकीकत से कांग्रेस बौखला गयी है। उसके पास कोई मुद्दा नहीं है जनता के लिये इसलिये वो कृषि कानून पर किसानों और आम लोगों को भ्रमित कर रही है। लोगों के पास जाकर झूठ बोल रही है। कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा कहती है कि कृषि कानूनों के जरिये केंद्र की बीजेपी सरकार किसानों की जमीन छीनना चाहती है लेकिन मैं कहता हूं कि साधारण से साधारण व्यक्ति भी यदि इस कृषि कानूनों को ढंग से पढ़ेगा तो समझ जायेगा कि इसमें किसानों की जमीन छीनने जैसी कोई बात नहीं है। ये कानून केवल और केवल किसानों को उनकी उपज के लिये बेहतर बाजार उपलब्ध कराने और उनके आय में वृद्धि करने के लिये है। बाबूलाल ने कहा कि कांग्रेस शुरुआत से ही देश के अलग-अलग हिस्सों में कृषि कानून के खिलाफ झूठ फैला रही है।
बीजेपी के विधायक कल सदन का बहिष्कार करेंगे
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार संसद द्वारा पारित कृषि कानून पर विधानसभा में चर्चा कराना चाहती है। ये बिलकुल असंवैधानिक है। राज्यों की तरफ से ये बेहद ही गलत परिपाटी की शुरुआत की जा रही है। जब संसद के दोनों सदनों से कानून पास हो चुका है मतलब कि राज्यों के प्रतिनिधियों ने भी कानून पर सहमति जताई है। अब उस कानून पर राज्य में चर्चा करने से क्या हासिल होगा। चर्चा और मंथन के बाद क्या निष्कर्ष निकालेंगे आप। ये केवल राज्य के असल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिये किया जा रहा है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि कल हम सदन में हेमंत सरकार के इस फैसले का विरोध करेंगे। जरूरत पड़ी तो सदन का बहिष्कार भी किया जायेगा। हम इस मुद्दे पर बिलकुल भी चर्चा नहीं होने देंगे क्योंकि ये असंवैधानिक है।
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कृषि कानून पर चर्चा का विरोध करती रही बीजेपी
गौरतलब है कि विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत से ही हेमंत सरकार कहती रही है कि वो विधानसभा सदन में केंद्र सरकार द्वारा लाये गए कृषि कानूनों पर चर्चा करेगी। पेट्रोल और डीजल सहित अन्य मदों में बढ़ती महंगाई पर चर्चा करेगी। वहीं विपक्ष के विधायकों का कहना है कि कृषि कानूनों पर बहस का कोई मतलब नहीं है। ऐसा कानून जो कि संसद में पास हो चुका है उसे विधानसभा में चर्चा के लिये लाना असंवैधानिक है। बीजेपी विधायक अमर बाउरी, विरंची नारायण, सीपी सिंह, रणधीर सिंह, बाबूलाल मरांडी, भानुप्रताप शाही सहित तमाम बीजेपी विधायकों ने शुरू से ही हेमंत सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। कल जब सदन में सरकार कृषि कानून पर चर्चा करने जा रही है तो तय है कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक इसका विरोध करेंगे और सदन का बहिष्कार भी करेंगे।