द फॉलोअप टीम, कोलकाता:
पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी को झटका लगने का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। बंगाल विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक देने के बाद भी हार झेलने वाली बीजेपी के लिए संकट के बादल छंटते नहीं दिख रहे। बंगाल में बीजेपी के विधायक एक-एक कर टीएमसी में शामिल होते जा रहे हैं। सोमवार को बीजेपी विधायक तन्मय घोष टीएमसी में शामिल हो गए। अब एक और विधायक ने बीजेपी छोड़ टीएमसी का दामन थाम लिया है।
बीजेपी छोड़ टीएमसी में गए बिश्वजीत दास
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक बिश्वजीत दास और बीजेपी पार्षद मनोतोष नाथ कोलकाता स्थित तृणमूल भवन में तृणमूल कांग्रेस में दोबारा शामिल हो गए। ये लोग पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। एक तरीके से इनकी घर वापसी हो रही है। सोमवार को बांकुड़ा जिले से आने वाले बीजेपी विधायक तन्मय घोष भी टीएमसी में शामिल हो गए थे। तन्मय घोष ने कहा था कि बीजेपी प्रतिरोध और प्रतिहिंसा की राजनीति करती है। बंगाल के लोगों को केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से धमकाती है।
बीजेपी में नाखुश और असहज थे बिश्वजीत
टीएमसी में वापस जाने के बाद बागदा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक बिश्वजीत घोष ने कहा कि वे बीजेपी में नाखुश थे और वहां काम करने को लेकर असहज महसूस कर रहे थे। बिश्वजीत घोष ने कहा कि टीएमसी को छोड़कर बीजेपी में जाना बहुत बड़ी गलती थी। वे अपनी गलती सुधारना चाहते हैं। बिश्वजीत ने कहा कि कुछ गलतफहमियों की वजह से कुछ बदलाव किए गए जो नहीं किए जाने चाहिए थे। मैं अब अपने घर लौट आया हूं। मैं अपने राज्य और निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए काम करना जारी रखूंगा। बिश्वजीत घोष को मुकुल रॉय का करीबी माना जाता है।
मुकुल रॉय के करीबी माने जाते हैं बिश्वजीत
गौरतलब है कि बिश्वजीत दास मुकुल रॉय के साथ या कह लें कि उनके कहने पर ही भारतीय जनता पार्टी में आए थे लेकिन शुरुआत में ही उनके और शांतनु ठाकुर की लॉबी के बीच मतभेद हो गया। कहा जाता है कि बिश्वजीत अपनी परंपरागत उत्तरी बोंगांव सीट से ही चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन बीजेपी ने उनको बागदा से चुनाव लड़ने को कहा। अब जब टीएमसी से बीजेपी में आए दिग्गज नेता मुकुल रॉय वापस टीएमसी में चले गए तो बिश्वजीत भी टीएमसी में वापस आ गये।
बंगाल में बीजेपी विधायकों की संख्या घट गई
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंकी थी। पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह सहित बीजेपी के तमाम दिग्गज नेताओं ने जमकर प्रचार किया। हालांकि पार्टी महज 77 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी। चुनाव बाद बंगाल में हिंसा का दौर शुरू हुआ। ऐसी भी तस्वीरें सामने आई जब टीएमसी छोड़ बीजेपी में शामिल हुए कार्यकर्ताओं और नेताओं ने सिर मुंडवा कर ममता बनर्जी से माफी मांगी। धीरे-धीरे बीजेपी के विधायक एक-एक कर टीएमसी में शामिल होते जा रहे हैं। बीजेपी विधायकों की संख्या 77 से घटकर72 रह गयी है।