द फॉलोअप टीम, पूर्वी सिंहभूम
जमशेदपुर में पटमदा के मूचीडीह से आमटांड़ तक सड़क निर्माण को लेकर टेंडर प्रक्रिया निकाली गई। इसके लिए 2 करोड़ 9 लाख रुपये का टेंडर निकाला गया। 9.45 किमी लंबी सड़क बननी थी। इसके लिए आदित्य कंट्रस्क्शन, जेके इंफ्रास्ट्रक्चर, कुबेर कंस्ट्रक्शन और मेसर्स निरंजन कुमार ने ऑनलाइन टेंडर निकाला था। गुरुवार को इसकी हार्ड कॉपी भी जमा करनी थी। मामले में झारखंड की राजनीति गर्मा गई क्योंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा के 2 विधायक रांची के कचहरी चौक में सड़क निर्माम विभाग के पास टेंडर स्थल पर देखे गये। ये विधायक थे बहरागोड़ा से समीर मोहंती औऱ पोटका से संजीव सरदार।
गाड़ी में बैठे नजर आये थे दो विधायक
जानकारी के मुताबिक यहां और भी विधायक पहुंचे थे लेकिन कैमरे में केवल 2 विधायकों को ही कैद किया जा सका। मिली जानकारी के मुताबिक नियमानुसार ऑनलाइन टेंडर डालने के बाद हार्ड कॉपी भी डालना था। जमशेदपुर में सड़क निर्माण से संबंधित 2 टेंडर की हार्ड कॉपी मांगी गई थी। सवाल ये है कि यहां केवल दो ही हार्ड कॉपी जमा क्यों किया गया जबकि 4 हार्ड कॉपी जमा करना था। बता दें कि सड़क निर्माण के लिए आदित्य कंस्ट्रक्शन ने 4 फीसदी बढ़ाकर टेंडर भरा था वहीं जेके इंफ्रास्ट्रक्चर ने माइनस टेंडर डाल दिया। काम आदित्य कंस्ट्रक्शन को दिया गया।
विधायक के चहेतों को दिया गया टेंडर!
बहरागोड़ा में जगन्नाथपुर से जारकुली तक 6.425 किमी लंबी सड़क के लिए भी 2 करोड़ 26 लाख रुपये का टेंडर निकाला गया था। यहां दो कंपनियों ने टेंडर डाला। इस सड़क का टेंडर उस कंपनी को मिला जिसने पटमदा की सड़क के लिए माइनस राशि भरकर टेंडर डाला था। पटमदा और बहरागोड़ा में दोनों ठेकेदारों को एक-एक टेंडर दिया गया। वो भी उन ठेकेदारों को जिनकी गाड़ी में सवार होकर विधायक आये थे। अब लोगों का कहना है कि हमेशा ऐसा ही होता होगा। इसमें विधायक देखे गये। कहा जा रहा है कि जनप्रतिनिधियों को कमीशन के नाम पर चहेते ठेकेदारों को टेंडर दिया जा रहा है।
बीजेपी ने की विधायकों पर कार्रवाई की मांग
इस मामले में बीजेपी की पूर्वी सिंहभूम जिला इकाई की तरफ से प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिला बीजेपी के नेताओं ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के 2 विधायकों द्वारा टेंडर मैनेज करने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। ये जनता के प्रति विश्वासघात है। बीजेपी ने कहा कि बहरागोड़ा विधानसभा की भोली-भाली जनता ने इनको भारी मतों से विधायक चुना था लेकिन आज उनके जनप्रतिनिधि पूंजीपति और ठेकेदारों से गठजोड़ कर रहे हैं। कोरोना महामारी के वक्त इन विधायकों को क्षेत्र की जनता के साथ होना चाहिए था लेकिन वे गाड़ी में ठेकेदारों को बिठाकर उनके लिए टेंडर मैनेज करते दिख रहे हैं। बीजेपी ने मांग की है कि मुख्यमंत्री को मामले का संज्ञान लेकर जांच करवानी चाहिए। बीजेपी ने विधायकों से माफी मांगने की भी मांग की।