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झारखंड के 3 मेडिकल कॉलेजों में दाखिले पर रोक, भाजपा ने हेमंत सरकार पर लगाया अकर्मण्यता का आरोप

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

झारखंड में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार में स्थापित तीन मेडिकल कॉलेजों में लगातार दूसरे साल दाखिले पर रोक लग गई है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने उक्त कॉलेजों को पर्याप्त संसाधनों और निर्धारित मानकों पर खरा नहीं पाया और तत्काल प्रभाव से नये छात्रों के नामांकन पर पूरी तरह से रोक लगाने की लिखित आदेश निर्गत कर दिये हैं। झारखंड के पलामू , हजारीबाग और दुमका में उक्त मेडिकल कॉलेज स्थापित हैं, जिनमें एमबीबीएस की पढ़ाई होनी थी। ये बातें प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कही हैं, वहीं मामले में हेमंत सरकार पर अकर्मण्यता का आरोप लगाया है। कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि पूर्व सीएम रघुवर दास की सरकार ने ब्रेन ड्रेन को रोकने और स्थानीय स्तर पर बेहतरीन मेडिकल कॉलेज की सुविधा देने की सोच के साथ 3 कॉलेजों की अधिष्ठापन किया थे। वर्तमान यूपीए गठबंधन सरकार जानबूझकर अवरोध उतपन्न कर रही है जिसका खामियाजा एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले होनहारों और भावी डॉक्टरों को भुगतना पड़ रहा है।

 

हेमंत सरकार की प्राथमिकता 'हकीम' की जगह 'नमाज रूम'

कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि झारखंड में डॉक्टरों की कमी, कोरोना की चुनौतियाँ सर्वविदित है। इन सबके बीच हेमंत सरकार की प्राथमिकता 'हकीम' की जगह 'नमाज रूम' है। जहाँ बेहतर चिकित्सक तैयार करने की दिशा में कटिबद्धता से प्रयास करनी चाहिये थी वहाँ सरकार विफल रही और महज़ एक सामुदाय विशेष को दिग्भ्रमित करने के लिए तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। कहा कि सदन में नमाज कक्ष गैरजरूरी विषय है, लेकिन राज्य में अच्छे चिकित्सक हर हाल में ज़रूरी है। लेकिन दुर्भाग्य है सरकार की अकर्मण्यता पर की जिन्हें चीजें संवारना था, वे महज़ ट्रांसफर पोस्टिंग और गलतबयानी कर के सूबे की राजनीतिक तापमान बढ़ाने में जुटे हैं।

 

मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को छात्रों से मांगनी चाहिए माफी

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि बीते वर्ष ही राज्य सरकार और स्वयं मुख्यमंत्री ने हलफनामा देकर एनएमसी से मोहलत मांगे थे और आश्वस्त किया था कि एक निश्चित समयावधि तक सारी मूलभूत संसाधनों को दुरुस्त कर लिया जायेगा, इसके बावजूद भी नतीजा सिफ़र है। कहा कि जमशेदपुर में भी दो अस्पतालों को सरकार ने बंद करवा दिया। भाजपा ने मांग किया कि लगातार दूसरे वर्ष मेडिकल कॉलेज में दाखिले पर लगी रोक की जिम्मेदारी राज्य सरकार ले। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से भाजपा ने होनहार छात्रों को अवसर से वंचित रखने के लिए माफ़ी मांगने की मांग की है।