द फॉलोअप टीम, रांची:
विधानसभा में शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विद्यायक बंधु तिर्की द्वारा लोहरा, करमाली, भुइंहर मुंडा, खुंटकटी मुंडा, कम्पाट मुंडा, चीक बड़ाईक आदि जनजातीय समुदाय को जाति प्रमाण पत्र बनाने में हो रही कठिनाइयों तथा खतियान में हुई लिपिकीय त्रुटियों का समाधान करने की मांग को लेकर सदन में अपनी बात रखी। बंधु तिर्की ने कई सवाल पूछे।
समुदायों को नहीं मिल रहा हक-अधिकार
कहा कि झारखंड के 32 जनजातियों में यह समुदाय सूचीबद्ध होने के बाद भी आज भी इन समुदाय के लोगों को उनका हक-अधिकार नहीं मिल पा रहा है, जहां पिता आदिवासी में सूचीबद्ध है तो पुत्र को जाति प्रमाणपत्र नहीं बन पा रहा है जिस कारण उनकी पहचान पर सवाल खड़ा हो गया है।
नौकरी-चाकरी में कठिनाई का सामना
कॉलेज में एडमिशन से लेकर नौकरी-चाकरी में इन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अनुसूचित जनजाति का होते हुए भी कुछ त्रुटियों के कारण इन्हें अनुसूचित जनजाति का लाभ नहीं मिल पा रहा है जिससे इनकी जमीन भी छिनी जा रही है।
संसदीय कार्य मंत्री को सौंपा नियमन
बंधु तिर्की विधानसभा अध्यक्ष महोदय से आग्रह किया कि इस पर संज्ञान लेते हुए आसन के द्वारा नियमन भी संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम को सौंपा गया।