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जाते-जाते 2020 का अंतिम रविवार बाबूलाल को दे गया खुशखबरी, सात साल बाद मिलेंगे छोटी बहन से

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द फॉलोअप टीम, रांची: 
झारखंड के गिरिडीह जिले के कोदाईबांक गांव में किसान छोटे लाल मरांडी पत्नीे मीना मुर्मू के साथ रहते थे। कुछ साल पहले उनका देहांत हुआ। उनके छह बच्‍चे। चार बेटा और दो बेटी। बड़ा बेटा राज्य का पहला मुख्यमंत्री हुआ। नाम बाबूलाल मरांडी। चर्चा इसलिए कि बाबूलाल के बाद जो बेटी हुई, वो सात साल से गायब थीं, अब घर लौट रही हैं। जाते-जाते 2020 का अंतिम रविवार बाबूलाल को खुशखबरी दे गया, सात साल बाद वो छोटी बहन मैसूनी देवी से मिलेंगे।
 
पहले थी मानसिक अवसाद में अब बिल्कुल ठीक
मैसूनी देवी साल 2000 से ही मानसिक अवसाद में थी। रांची में उनका इलाज चल रहा था। 2012 में वो परिवार से बिछड़ गई और भटकते-भटकते राजस्थाथन पहुंच गई, भरतपुर के खोहडीग। मई-2018 में उनको अपना घर आश्रम बझेरा में लाया गया। इलाज के बाद स्वस्थ हो गई और बताया कि वो बाबूलाल मरांडी की बहन हैं।

सबने छोड़ दी थी आस, घर में जली खुशी की फुलझड़ी
मैसूनी की शादी गिरीडीह के तिसरी प्रखंड में ही हुई है। उनके पति भी किसान हैं। उन्हेंद 3 बेटा और 2 बेटी है।  सभी फिर से मिलने की उम्मीद ही छोड़ चुके थे। अपना घर आश्रम के सचिव भूदेव शर्मा ने जब परिजनों को सूचना दी,तो मां की सूचना पाकर घर में खुशियों की फूलझड़ी जलने लगी है। 

अपना घर से अपने घर पहुंचेगी मैसूनी देवी
झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने अपना घर आश्रम के संस्थापक बीएम भारद्वाज से बात की और अपनी बहन के मिलने पर खुशी प्रकट करते हुए उन्होंने भारद्वाज से कहा कि वो जब दिल्ली आएंगे तो उनसे जरूर मिलेंगे। बाबूलाल मरांडी के छोटे भाई नूनूलाल और उनके बेटे सुलेमान भरतपुर गए और मैसूनी देवी को लेकर आ रहे हैं।