द फॉलोअप टीम, गोरखपुर:
एसएसपी कार्यालय से घुसखोरी का मामला सामने आया है। यहाँ बाबू ज्ञानेंद्र सिंह पर आरोप है कि घूस नहीं मिलने पर उन्होंने 2017 बैच के 39 दरोगाओं को एक साल जूनियर बना दिया है। जिससे उनकी प्रमोशन पर असर पड़ रहा है। दरअसल 20 नवंबर 2017 को मुरादाबाद पीटीएस में ट्रेनिंग के लिए इन 39 दरोगाओं ने आमद कराई थी। ट्रेनिंग पूरी हुई तो उन्हें जिला अलॉट हो गया। नवंबर 2018 में सब ने गोरखपुर में जॉइन किया। तभी बाबू ने इन दरोगाओं को 2018 बैच का पीएनओ अलॉट किया। और उनके साथ ही अन्य जिलों के दरोगाओं को 2017 के बैच का पीएनओ अलॉट हुआ था। जब 39 दरोगाओं ने इस पर आपत्ति जताई तो बाबू ज्ञानेंद्र सिंह ने 60 हजार रुपये मांगे। जब सबने घूस देने से इंकार कर दिया तो इनके नाम के आगे साल 2018 बैच का मुहर लगा दिया।
पहले भी ले चुके हैं घूस
एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी। बता दें कि इससे पहले भी बाबू ज्ञानेंद्र जून 2019 घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ाए थे। उस समय एक दरोगा पंकज यादव के बेटे के इलाज में लखनऊ में 1.80 लाख रुपये खर्च हुए थे। इसकी भरपाई के लिए दरोगा ने बाबू से फाइल एसएसपी के पास देने को कहा था। ताकि ख़चर्च किये हुए पैसे मिल सके। लेकिन बाबू ने फाइल भेजने के एवज में 18 हजार रुपये घूस मांगे थे। इसके बाद दरोगा के इशारे पर ऐंटी करप्शन की 7 सदस्यीय टीम ने बाबू को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। और उसे पुलिस सर्विस से बर्खास्त कर दिया गया।