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नाराज 850 आउटसोर्सिंग कर्मियों  ने घेरा मुख्यमंत्री आवास, सुरक्षाबलों के साथ हुई झड़प छावनी में तब्दील सीएम आवास

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द फॉलोअप टीम, रांची: 
कोरोना काल के दौरान रिम्स में 850 लोगों का अलग अलग कार्यों के लिए चयन किया गया था। इन लोगों को एनआरएचएम के सौजन्य से टी एंड एम सर्विसेज कंसल्टिंग लिमिटेड के जरिये चयनित किया गया था। अलग अलग कार्यों जैसे एएनम-जीएनएम नर्स, वेंटिलेटर टेक्नीशियन, लैब टेक्निशियन, मल्टी पर्पस वर्कर, ट्रॉली मैन, गार्ड और सुपरवाइजर के काम के लिए इन्हे आउटसोर्सिंग से मंगवाया गया था। तीन महीने तक इनसे कोरोना मरीजों के इलाज से लेकर रिम्स के मल्टी स्टोरी पार्किंग तक ड्यूटी करवायी गयी। लेकिन जब वेतन देने की बात आयी तो आश्वाशन पर आश्वाशन दिए जा रहे। अपने ही पैसे लेने के लिए इन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है। 

आश्वासन पर आश्वासन 
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने 24 घंटे के अंदर वेतन के भुगतान का आदेश दिया था। उनके आश्वासन दिए भी करीब डेढ़ महीने बीत गए लेकिन अब तक वेतन नहीं मिला। अंत में सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारी 20 दिन पहले सीएम आवास पहुंचे थे, जहां उनके ओएसडी सुनील श्रीवास्तव ने जल्द वेतन का भुगतान करवाने का आश्वासन दिया था। रिम्स प्रबंधन ने भी 20 अगस्त को भुगतान का आदेश दिया था। 5 दिन गुजर गए लेकिन कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला। इसलिए नाराज होकर आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास घेरा है। सभी सीएम से मिलने की मांग कर रहे हैं। 

प्रशासन और कर्मचारियों के बीच झड़प 
सीएम आवास के सामने आउटसोर्सिंग कर्मचारी और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प भी हुई। बात हाथापाई तक पहुंच गया जिसके बाद अतिरिक्त सुरक्षाबलों को बुलाया गया। सीएम आवास को फ़िलहाल छावनी में बदल दिया गया। आउटसोर्सिंग पर लैब टेक्नीशियन के तौर पर कार्य करने वाले बीरबल चंद्रवंशी ने कहा कि ईमानदारी से पूरा काम करने के बाद भी हम पैसे के लिए दर-दर भटक रहे हैं।आज राज्य को कोरोना फ्री है उसमे कहीं ना कहीं हमारा ही योगदान है।  अब हमारी स्थिति दयनीय हो गयी।