द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड विधानसभा के भीतर सत्ता पक्ष ने हैरान करने वाली बात कही। भाजपा विधायक अमित मंडल के सवाल पर सरकार के तरफ से संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने जवाब दिया गया कि घोषणापत्र विधानसभा में पेश नहीं किया गया था। घोषणा पत्र की बातों से सदन को दिग्भ्रमित न करें। दरअसल वृद्धों और दिव्यांगों को बीते पांच महीने से पेंशन नहीं मिल रहा है। बीजेपी विधायक अमित मंडल ने इसी से जुड़ा सवाल पूछा था। अमित मंडल ने सत्ता पक्ष को याद दिलाया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने चुनाव के समय अपने निश्चय पत्र में कहा था कि वृद्धा पेंशन की राशि ढाई हजार रुपये की जायेगी।
सरकार का जवाब दुर्भाग्यपूर्ण
सत्ता पक्ष की ओर से मिले ऐसे जवाब के बाद विपक्ष के विधायक हंगामा करने लगे। भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि झामुमो और कांग्रेस के घोषणापत्र पर ही वोट मिला है। ऐसे में सरकार के तरफ से ऐसा बयान दुर्भाग्यपूर्ण है।
हंगामा को देखते हुए विधानसभा स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि घोषणापत्र और सरकार का एजेंडा अलग होता है। सदन के सभी सदस्य यह जानते हैं। उन्होंने हंगामा कर रहे विधायकों से शांत रहने का आग्रह किया।