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रांची ने मनाई ग्रीन दिवाली! पिछले साल के मुकाबले कम रहा ध्वनि और वायु प्रदूषण

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द फॉलोअप टीम, रांची:
दिवाली मतलब लाईट और पटाखें। पटाखों से काफी ध्वनि और एयर प्रदूषण होता है। इस बार रांची वालों ने ग्रीन दिवाली मनाई। न ही अस्पतालों में भीड़ हुई और घरों में आगजनी हुई। इतना ही नहीं पिछले साल की तुलना में इस बार प्रदूषण का लेवल भी कम रहा। वायु प्रदूषण जहां पिछले साल से आधा रहा। वहीं ध्वनि प्रदूषण भी 30 फीसदीअधिक रहा।

पिछली साल से आधा रहा एयर प्रदूषण
रांची में दिवाली की रात वायु प्रदूषण बीते साल से कम रिकॉर्ड किया गया। पिछली दिवाली रांची का एयर क्वालिटी इंडेक्स 484 तक पहुंच गया था जो इस साल 251 तक रहा। जानकारों के अनुसार एक्यूआई 400 से अधिक होने पर सांस संबंधी परेशान पैदा होने लगती है। प्रदूषण पर्षद के मुताबिक जो प्रदूषण लेवल बढ़ा था अगले दिन यह सामान्य हो गया। दिवाली की रात रांची में वायु प्रदूषण जहां सामान्य से दोगुना रहा।

हर घंटे प्रदूषण की हो रही थी जांच
रांची में दिवाली से पहले और दिवाली के दिन प्रदूषण की हर घंटे जांच की गई। अक्तूबर में डोरंडा स्थित वन भवन के पास वायु प्रदूषण पीएम 10 (सूक्ष्म धूलकण) का स्तर अधिकतम 111 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा, जबकि न्यूनतम 60 रिपोर्ट हुआ। दिवाली के दिन यहां पीएम 10 सामान्य 100 से दो गुना 202 माइक्रोग्राम रहा। वहीं पीएम 2.5 सामान्य 60 से 70 प्रतिशत अधिक रिकॉर्ड किया गया।

सामान्य से 25% अधिक रहा ध्वनि प्रदूषण
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रांची में चार स्थानों पर ध्वनि प्रदूषण मापने की व्यवस्था की थी। हाईकोर्ट के पास 50 डेसीबल तक शोर अनुमन्य है, लेकिन दिवाली की रात यहां शोर 71.6 डेसीबल दर्ज हुआ। वहीं, कचहरी चौक पर सामान्य सीमा 65 है पर दिवाली पर यहां ध्वनि प्रदूषण 86 तक पहुंचा जो अनुमन्य सीमा से 30 फीसदी अधिक है। अलबर्ट एक्का चौक पर सामान्य से 23.7 फीसदी अधिक 80.4 डेसीबल तक रिकॉर्ड किया गया। शोर की यह सीमा रात आठ से नौ बजे के दौरान की है। अशोक नगर में 55 डेसीबल तक शोर की सीमा तय है, दिवाली में यह 79.6 डेसीबल रिकॉर्ड किया गया।