द फॉलोअप टीम, रांची:
एचईसी में कर्मचारियों को बकाया वेतन के भुगतान का मामला सुर्खियों में है। कर्मचारी बीते कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। मांग है कि उनको अविलंब वेतन का भुगतान किया जाये। इस बीच खिजरी विधायक राजेश कच्छप के नेतृत्व में उनके आवास पर सभी श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने बैठक की। बैठक में सर्वसम्मति से तय किया गया कि एचईसी बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक राजेश कच्छप होंगे। यूनियन नेताओं ने कहा कि फिलहाल एचईसी को कार्यशील पूंजी की जरूरत है। इसके लिए केंद्र और राज्य के प्रतिनिधियों से मुलाकात की जायेगी और उनपर दवाब बनाया जायेगा। तभी समाधान निकलेगा।
निफ्ट के पास एचईसी का 660 करोड़ रुपया बकाया
बैठक में चर्चा हुई कि निफ्ट के पास एचईसी का 660 करोड़ रुपया बकाया है। निफ्ट भी केंद्र सरकार का उपक्रम है। कमलेश सिंह ने कहा कि एचईसी को बचाना प्राथमिकता है पर कामगारों को पूरे माह का वेतन देना भी बहूत जरूरी है। बैठक में ऑफिसर एसोसिएशन के ब्रजेश सिंह, दिलीप सिंह, विलम महली औऱ करण सिंह जैसी शख्सियतों ने हिस्सा लिया और विचार रखे।
तीन माह का वेतन मिलने तक जारी रहेगी हड़ताल
हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन की कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुये यूनियन के महामंत्री सह इंटक के राष्ट्रीय सचिव राणा संग्राम सिंह ने कहा कि जब तक तीन माह का वेतन एक साथ नहीं मिलता, तब तक एचईसी कामगारों की हड़ताल खत्म नहीं होगी। 1 माह के वेतन का भुगतान हुआ है। अब जनवरी के प्रथम सप्ताह तक 2 माह का वेतन का भुगतान होगा। कर्ण सिंह राठौर ने बैठक की अध्यक्षता की।
स्मार्ट सिटी के लिए जमीन देना संभव तो यहां क्यों नहीं
इस बीच कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि जब स्मार्ट सिटी बनाने के लिए जमीन दी जा सकती है तो कारखाने के कर्मचारियों को वेतन देने और पुनरूद्धार के लिए क्यों नहीं दी जा सकती। वे शुक्रवार को अपने आवास में पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रही थीं। गीता को़ड़ा ने कहा कि कोरोना काल में कर्मियों को वेतन का भुगतान नहीं किया जाना सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है।