द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड सरकार में वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेस की। प्रेस वार्ता में रामेश्वर उरांव ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर कृषि कानूनों के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म करने का आरोप लगाया। यही नहीं, वित्तमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार एफसीआई के खात्मे की दिशा में भी काम कर रही है। अब इन आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है। झारखंड में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कृषि कानूनों पर वित्त मंत्री के कथन को बेबुनियाद बताया है।
कांग्रेस ने किसानों को वोट बैंक समझा
प्रतुल शाहदेव ने रामेश्वर उरांव के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा किसानों का वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। कांग्रेस पार्टी की मंशा कभी भी किसानों का आर्थिक विकास करने की नहीं रही। प्रतुल शाहदेव ने कहा कि कांग्रेस कृषि कानूनों पर आपत्ति जताकर केवल और केवल भ्रम फैलाने का प्रयास कर रही है। प्रतुल शाहदेव ने सवालिया लहजे में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में क्यों मंडियों को समाप्त कर कृषि उपज के अंतर्राज्यीय व्यापार की बात की थी।
'कांग्रेस कृषि कानूनों पर फैला रही भ्रम'
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि आजादी के बाद पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार किसानों की आय दोगुना करने का प्रयास कर रही है। ये पहली बार है इसलिए कांग्रेस पचा नहीं पा रही है। रामेश्वर उरांव के एमएसपी खत्म करने वाले बयान का जवाब देते हुए प्रतुल शाहदेव ने कहा कि केंद्र सरकार कई बार स्पष्ट कर चुकी है कि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है। कांग्रेस एक ही झूठ को बार-बार दोहरा कर इसे सच साबित करने की कोशिश कर रही है।
निजी औद्योगिक घरानों को कोसना दुखद
प्रतुल शाहदेव ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि आज हर मुद्दे पर देश के निजी औद्योगिक घरानों को कोसने का प्रचलन हो गया है। देश की तरक्की में किसान, मजदूर, मध्यमवर्ग, उद्योग, व्यापार जगत सबका योगदान होता है। प्रतुल शाहदेव ने कहा कि किसी एक सेक्टर को चिह्नित करके उसे अपमानित करने की परंपरा खत्म होनी चाहिए।