द फॉलोअप टीम, रांची:
देश के कई राज्यों से करीब 60 फीसदी हज करने वाले वरिष्ठ नागरिक होते हैं। लेकिन कोरोना के सबब बने नए नियम के मुताबिक 18 वर्ष से कम और 65 साल से अधिक उम्र के लोग हज नहीं कर सकेंगे। वहीं हवाईउड़ान के लिए 22 की जगह अब महज 10 ही एयरपोर्ट तय किए गए हैं। रांची से इंबारकेशन प्वाइंट भी हटा लिया गया है। झारखंड के हज यात्रियों को कोलकाता से उड़ान भरनी होगी। दूसरी ओर हज यात्रा भी पहले की अपेक्षा 80 हजार रुपए महंगी हो गई है। यहां के एक आजमीन-ए-हज को करीब तीन लाख 75 हजार रुपए अदा करना होगा। जबकि 2019 में झारखंड के आजमीन को करीब 2 लाख 90000 ही देना पड़ा था। इसका असर हज फॉम की संख्या पर दिखने लगा है। हज फार्म बहुत ही कम भरे जाने की आशंका द फॉलो अप ने 12 दिसंबर की अपनी खबर में ही जता दी थी।
मात्र 43 फीसदी ही आए आवेदन
हज के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। 10 जनवरी आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि थी। राज्यभर से 900 लोगों के ही आवेदन मिले हैं। पिछले साल की तुलना में आधे से भी कम मात्र 43 फीसदी लोगों ने इस बार आवेदन दिया है। जबकि पहले ही कम आवेदन मिलने के कारण 10 दिसंबर से 10 जनवरी तक बढ़ाई गई थी तारीख।
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कोरोना के कारण कम आए आवेदन: इरफ़ान असांरी
राज्या हज कमेटी के नए अध्यक्ष व विधायक डॉ इरफ़ान अंसारी ने कहा कि कोरोना के कारण कम लोगों ने आवेदन भरे हैं। किराये भी बढ़ गया है। यहां के लोगों को फ्लाइट भी कोलकाता से लेनपी होगी। जिसके कारण और अधिक परेशानी हो रही है।