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यात्रा महंगी और बुजुर्गों पर लगी पाबंदी के कारण बहुत कम भरे जा रहे हज फॉर्म, 10 जनवरी तक आखिरी तारीख

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द फॉलोअप टीम, रांची
सिर्फ झारखंड ही नहीं देश के कई राज्यों से करीब 60 फीसदी हज करने वाले वरिष्ठ नागरिक होते हैं। लेकिन कोरोना के सबब बने नए नियम के मुताबिक 18 वर्ष से कम और 65 साल से अधिक उम्र के लोग हज नहीं कर सकेंगे। वहीं हवाईउड़ान के लिए 22 की जगह अब महज 10 ही पोर्ट तय किए गए हैं। रांची से इंबारकेशन प्वाइंट भी हटा लिया गया है। झारखंड के हज यात्रियों को कोलकाता से उड़ान भरनी होगी। दूसरी ओर हज यात्रा भी पहले की अपेक्षा 80 हजार रुपए महंगी हो गई है। यहां के एक आजमीन-ए-हज को करीब तीन लाख 75 हजार रुपए अदा करना होगा। जबकि 2019 में झारखंड के आजमीन को करीब 2 लाख 90000 ही देना पड़ा था। इसका असर हज फॉम की संख्या पर दिखने लगा है।
 
हज 2021: अब तक करीब साढ़े 6 सौ  ही भरे गए ऑन लाइन आवेदन
7 नवंबर से ऑन लाइन हज फॉर्म भरे जा रहे हैं। लेकिन झारखंड में अब तक करीब साढ़े छह सौ फॉर्म ही भरे गए हैं। हज मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि पहले जहां 3000 लगभग लोग हज करने झारखंड से जाते रहे हैं। हज2021 में यह संख्या आधी होने की आशंका है। आवेदन 10 दिसंबर तक भरे जाने थे, अब उसकी तारीख 10 जनवरी तक कर दी गई है। 300 रुपए के साथ आवेदकों को पासपोर्ट के पहले और अंतिम पेज की प्रति, पते के प्रमाण पत्र की प्रति और पासपोर्ट अकार फोटो जमा करना पड़ रहा है।


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कोलकाता से जाएंगे आजमीन, मरहबा लगाएगी शिविर
हज क्षेत्र में दो दशक से सक्रिय सामाजिक संस्था मरहबा हुमन सुसायटी के महासचिव निहाल अहमद ने बताया कि इस बार रांची की जगह उनकी संस्था कोलकाता एयरपोर्ट के पास स्वागत शिविर लगाएगी। झारखंड के आजमीन-ए-हज के बीच हज कीट का वितरण करेगी। जिसमें हज पुस्तिका, तस्बीह, मिस्वाक, हवाई चप्प्ल आदि जरूरी चीजें शामिल रहेंगी।