द फॉलोअप टीम, गिरिडीह
10 लाख रूपये का इनामी नक्सली प्रशांत के पकड़े जाने की चर्चा जोरों पर है। चर्चा है कि पकड़े गए संदिग्धों में प्रशांत के अलावा उसकी सहयोगी महिला नक्सली और एक नक्सली संताल परगना क्षेत्र का भी है। खबर ये है कि पुलिस को इनके पास से हथियार भी मिला है। शनिवार की सुबह एक संदिग्ध को पुलिस अपने साथ संताल परगना लेकर गई है। हालांकि इन खबरों की पुष्टि पुलिस नहीं कर रही है, पुलिस या सीआरपीएफ इस संबध में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
कौन है नक्सली प्रशांत
पकड़ा गया संदिग्ध यदि प्रशांत ही है तो वह भाकपा माओवादी का हार्डकोर नक्सली है। प्रशांत पीरटांड़ के जोभी का रहनेवाला है और भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर है। पुलिस ने उसपर 10 लाख रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा है। ऐसे में इस नक्सली से पुलिस को भाकपा माओवादी संगठन को लेकर काफी महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है। हालांकि पुलिस की पुष्टि के बाद ही यह साफ हो सकेगा की पकड़ा गया संदिग्ध कौन है।
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कैसे मिली सफलता
पीरटांड़ के इलाके में पुलिस कैंप और सीआरपीएफ के अस्थायी कैंप पर हमला को लेकर पुलिस और सीआरपीएफ की कार्रवाई जारी है। सुरक्षा बलों के सहयोग से इलाके में सर्च अभियान भी चल रहा है। इस दौरान कइयों को पकड़ा गया है। जिसमें महिला भी शामिल है।
सीआरपीएफ कैंप को हटाए जाने पर सवाल
पीरटांड़ प्रखंड के पांडेयडीह स्थित सीआरपीएफ के अस्थायी कैंप और पर्वतपुर में निर्माणाधीन पुलिस कैंप पर हमला कर तोड़फोड़ करने की घटना के बाद से भाजपा हेमंत सरकार पर कई आरोप लगा रही है। पूर्व सांसद डॉ. रवींद्र कुमार राय और पूर्व विधायक निर्भय कुमार शाहबादी ने आरोप लगाया है कि सुनियोजित तरीके से नक्सलवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। जहां बिहार की सीमा पर चतरो में 10-12 साल बने सीआरपीएफ कैंप को हटाया जा रहा है। कैंप हटाने के निर्णय से गिरिडीह में उग्रवादियों का दबदबा बढ़ेगा और लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है।