द फॉलोअप टीम, रांची
रिम्स में NCD (Non Communicable Disease) यानी गैर संचारी रोगों के इलाज के लिए अलग से कियोस्क की शुरुआत की गई। इस कियोस्क के खुलने से एनसीडी मरीजों की पहचान हो सकेगी और उनका समय पर इलाज हो सकेगा। कियोस्क का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने किया।बन्ना गुप्ता ने कहा कि गैर संचारी बीमारियों के रोकथाम के लिए जागरूकता पैदा करना बहुत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि ऐसे रोगों के लक्षण दिखाई नहीं देते, जिस कारण रोगी खुद को स्वस्थ मानते हैं और धीरे धीरे ये रोग बढ़ता जाता है। मगर यदि उचित समय में इसकी जांच कर इलाज शुरू की जाए, तो मरीज स्वस्थ हो सकते हैं।
टाटा के प्रयास से शुरू हो सका NCD कियोस्क
मंत्री बन्ना गुप्ता ने टाटा ट्रस्ट के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि टाटा समूह मानवसेवा में हमेशा अग्रणी भूमिका में रहता है और जमशेद जी टाटा मानवीय संवेदनाओं और मानवता के लिए एक मिसाल हैं। उनके सपनों को टाटा समूह विभिन्न सामाजिक कार्यों के रूप में पूरा कर रहा हैं ।इसी क्रम में आज इस किसोक सेंटर का उद्घाटन किया गया हैं जो मरीजों का निःशुल्क इलाज करेगा।
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क्या कहते हैं NCD से संबंधित आंकड़े
- गैर-संचारी रोग (एनसीडी) से प्रत्येक वर्ष 4 करोड़ 10 लाख लोगों की मौत होती है।
- वैश्विक स्तर पर हो रही मौतों में से 71% मौतें एनसीडी के कारण होती है।
- प्रत्येक वर्ष 30 और 69 वर्ष की आयु के बीच एनसीडी से 1 करोड़ 50 लाख लोग मरते हैं।
- सबसे अधिक हृदय संबंधित बीमारी से हर साल 1 करोड़ 7 लाख 90 हजार लोगों की मौत होती है, कैंसर से 90 लाख, श्वसन संबंधी रोग से 30 लाख 90 हजार और मधुमेह से 10 लाख 60 हजार लोग मौत के शिकार होते हैं।
- बीमारियों के इन 4 समूहों में सभी समय से पहले एनसीडी से होने वाली मौतों का 80% से अधिक हिस्सा है।
- NCD से हो रही कुल मौतों का 85 फीसद इन्हीं चार बीमारियों की वजह से होती है।