द फॉलोअप टीम, नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी के बॉर्डर पर किसानों द्वारा हो रहे प्रदर्शन के बाद रास्ता नजर आने लगा है। मंगलवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में हो रही सरकार और किसानों के बीच बैठक में सरकार ने कमेटी बनाने पर हामी भर दी है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि कृषि कानून पर चर्चा के लिए सरकार एक समिति बनाने पर सहमत है। समिति के लिए किसानों की तरफ से बकायदा चार या पांच नाम मांगे गए हैं।
35 संगठन से कौन होंगे 5 नाम
विरोध प्रदर्शन के दौरान हजारों किसानों का प्रतिनिधित्व लगभग 35 संगठन कर रहे हैं ऐसे में सरकार की ओर से 5 नाम मांगे जाने पर किसानों के बीच असमंजस की स्थिति है। देखा जाएगा कि 35 संगठनों में से वे कौन से पांच नाम हैं, जो सरकार के साथ वार्ता में शामिल होंगे। नाम फाइनल करने को लेकर किसानों की ओर से कुछ भी नहीं कहा है।
32 सालों बाद किसानों का इतना बड़ा प्रदर्शन
सरकार के किसी कानून को लेकर इतना बड़ा प्रदर्शन 32 सालों में पहली बार हो रहा है। इसके पहले 1988 में महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के किसानों ने आंदोलन किया था। इस आंदोलन में 5 लाख किसान जुटे थे। वर्तमान में हो रहे प्रदर्शन का भी बड़ा प्रभाव देखने को मिल रहा है। दो दिनों में तीन बार बैठक हो चुकी है। मंगलवार की बैठक में किसान शामिल हुए, क्योंकि सरकार ने इस बैठक में शामिल होने के लिए कोई शर्त नहीं रखी थी।
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ये संगठन हुए शामिल -
क्रांतिकारी किसान यूनियन पंजाब
जमुहरी किसान सभा पंजाब
भारतीय किसान सभा दकोंदा
कुल हिंद किसान सभा पंजाब
क्रिति किसान यूनियन
पंजाब किसान यूनियन
किसान संघर्ष कमेटी
आजाद किसान संघर्ष कमेटी
जय किसान आंदोलन
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी
किसान संघर्ष कमेटी
भारतीय किसान यूनियन एकता
भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी
भारतीय किसान यूनियन सिधपुर
भारतीय किसान यूनियन
भारतीय किसान यूनियन राजेवल
भारतीय किसान यूनियन दवा
भारतीय किसान यूनियन मानसा
माझा किसान कमेटी
इंडियन फार्मर एसोसिएशन ऑफ इंडिया
भारत किसान मंच
लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसाइटी दबा
किसान समिति
किसान संघर्ष कमेटी
गन्ना संघर्ष कमेटी
आजाद किसान कमेटी दवा
भारतीय किसान यूनियन
किसान बचाओ मोर्चा
भारतीय किसान यूनियन रखेवाल
कुल हिंद किसान फेडरेशन
किसान फेडरेशन