द फॉलोअप टीम, बरोरा
जहां एक तरफ लोग फेसबुक का गलत फायदा उठा रहे है, वहीं कुछ लोगों कि दुनिया ही बदल रही है। फेसबुक की मदद से नौ साल पहले गुम हुआ मूक-बधिर पियोर बरोरा निवासी वीरेंद्र चौहान की घर वापसी हुई है। 2011 को वीरेंद्र एकाएक घर से गायब हो गया था।
जानिए क्या है पुरी घटना
2011 को घर से गुम वीरेंद्र का घर वापसी फेसबुक के जरिए रविवार को हुई। स्वजन उसे बिहार के मोतीहारी से साथ लेकर रविवार दोपहर को पियोर बरोरा पहुंचे,जहां लोग वीरेंद्र को एक नजर देखने और मिलने के लिए आतुर दिखे।19 नवंबर को बरोरा थाना की पुलिस वीरेंद्र के पिता अर्जुन चौहान से संपर्क कर फोटो से उसकी पहचान कराई। दरअसल वीरेंद्र भटकता हुआ बंगाल पहुंच गया था। जहां उसकी मुलाकात राकेश राय से हुई और उसके साथ मोतीहारी पहुंच गया। उस समय वीरेंद्र 14 साल का था। मूक बधिर होने के कारण वह घर का पता नहीं बता पाया। नवंबर में वीरेंद्र की किस्मत ने करवट ली और फेसबुक पर 2011 को बरोरा में दुर्गा पूजा में बना पंडाल को पहचान लिया। इसके बाद राकेश ने बरोरा थाना पुलिस से संपर्क कर वीरेंद्र के परिवार तक खबर पहुंचाई।
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घर वाले छोड़ चुके थे उम्मीद
वीरेंद्र के गुम हो जाने के बाद परिवार के लोग खोजबीन कर निराश हो चुके थे। परिवार वालों ने मान लिया था कि वीरेंद्र अब इस दुनिया में नहीं है। पर जब बेटे के जीवित होने और सकुशल रहने की खबर आई तो परिजनों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सोशल मीडिया फेसबुक के जरिये हुए इस मिलन की कहानी धनबाद जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।